को कहती हैं। पांच वर्ष का बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन में तपस्या के लिए चला जाता है। नारद जी रास्ते में मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बैठाउँगा लेकिन ध्रुव ने कहा कि पिता की नहीं अब परम पिता की गोद में बैठना है। कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न हो वरदान देते हैं । भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा कि पिता अगर कुमार्ग पर चले तो पुत्र का कर्तव्य है उसे सही मार्ग पर लाए। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद प्रह्लाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा। भगवान ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर
हिरण्यकश्यप का वध कर अपने परमधाम को पंहुचाया। 30 नवंबर दिन बुधवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर राघवेंद्र दुबे, एनके सोलंकी, रवि राघव, रमेश चंद शर्मा, अमितेश सिंह, देव मणि शुक्ल, बृज किशोर सिंह, मुन्ना चौधरी, एसके तिवारी, सुशील पाल, शिवव्रत तिवारी,उत्तम चंद्रा, संजय शुक्ला सहित भारी संख्या में महिलाएं मौजूद रहे।
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