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जापान के कोयासान विश्वविद्यालय से बौद्ध विद्वानों का बीस सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जीबीयू पहुंचा।

शफ़ी मोहम्मद शैफ़ी संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स ग्रेटर नोएडा।
ग्रेटर नोएडा। कोयासन विश्वविद्यालय, कोबे, जापान के प्रोफेसर ओकुनामा नाओजी के नेतृत्व में 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, भारत के 'प्रतिष्ठित बौद्ध विद्वान कार्यक्रम' के तहत भारत आया हुआ है। जापान के बौद्ध विद्वानों के प्रतिनिधिमंडल ने भारत में उन विश्वविद्यालयों का दौरा करने में रुचि दिखाई है जहां यूजी, पीजी और डॉक्टरेट स्तर पर बौद्ध अध्ययन पढ़ाया जाता है। आईसीसीआर ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश को चुना है जो इस बात को चिन्हित करता है की जीबीयू के बौद्ध अध्ययन विभाग की पहचान ना सिर्फ़ भारत में बल्कि विश्व में भी अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। 
प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय का दौरा किया। सर्वप्रथम प्रतिनिधि मंडल का परिचय एवं मुलाक़ात कुलपति एवं कुलसचिव के साथ अधिष्ठाता बौद्ध ने किया। तत्पश्चात प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा, कुलपति, कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी, प्रो. श्वेता आनंद, बौद्ध अध्ययन के डीन, डॉ. सी.एस. पासवान, विभागाध्यक्ष और अन्य संकाय सदस्यों के साथ उपयोगी बातचीत की। कुलपति ने प्रतिनिधियों को विश्वविद्यालय के बारे में बताया, जबकि प्रो श्वेता आनंद ने विभागों, संकाय सदस्यों, संकाय द्वारा अब तक किए गए शोध कार्यों और उपलब्धियों के साथ साथ विभाग द्वारा चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के बारे में एक संक्षिप्त परिचय दिया है।
बाद में प्रतिनिधिमंडल ने बौद्ध अध्ययन के छात्रों के साथ अलग से बातचीत की और उनके द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों पर चर्चा की और उन्होंने विश्वविद्यालय का भ्रमण किया जिसमें वे लोग बुद्ध प्रतिमा, पुस्तकालय, ध्यान केंद्र आदि स्थानों पर गए। ध्यान केन्द्र में प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने मैडिटेशन सत्र में प्रतिभाग किया। डॉ अरविंद कुमार सिंह, निदेशक एवं प्राध्यापक बौद्ध अध्ययन ने इस यात्रा का समन्वय किया और उन्होंने कहा है कि कई शोध एवं अनुसंधान की  परियोजनाओं, शोध साझा करने, छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान आदि जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई है और हमारा मानना है कि निकट भविष्य में कोयासन विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता होने की बहुत उम्मीद है।

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