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औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित 288 गांवों की सुध लेने वाला कोई नहीं! कर्मवीर नागर

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
दादरी। औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित 288 गांवों की सुध लेने वाला कोई नहीं। गांवों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा प्रॉपर लाभ।
सामाजिक कार्यकर्ता कर्मवीर नागर पूर्व प्रमुख ने बताया कि  सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं की जटिल और लंबी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार नए नियम और कानूनों की घोषणा करती रहतीं हैं। ऐसा ही कुछ प्रावधान उत्तर प्रदेश द्वारा हाल ही में किया गया है। लेकिन उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के उन 288 गांवों की सुध लेने वाला कोई नहीं है प्राधिकरणों द्वारा सस्ती दरों पर जिन किसानों की जमीन हड़पने के लिए इन गांवों को औद्योगिक नगरीय क्षेत्र घोषित करने के बाद पंचायत चुनाव प्रणाली को तो समाप्त कर दिया गया लेकिन इन गांवों के लोगों को आज तक यह तक पता नहीं कि इनके जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर में परिवारिक सदस्यों का अपडेशन, राशन कार्ड बनवाने, मृतक आश्रितों को सहायता धनराशि, गरीबों को बेटियों की शादी के लिए सहायता धनराशि, किसी भी तरह की आपदा सहायता जैसी बहुत सी जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन कहां करना होगा।
  हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गांवों के लोगों को आय, जाति चरित्र और हैसियत प्रमाण पत्र, पंचायत पुरस्कार जनशिकायत सेवा व्यक्तिगत शौचालय निर्माण राशन कार्ड बनवाने और उसमें संशोधन का नवीनीकरण कराने खतौनी की नकल, कृषक दुर्घटना बीमा और दैवीय आपदा की क्षतिपूर्ति लाउडस्पीकर की अनुमति आदि के लिए प्रक्रिया को सुविधाजनक और शॉर्टकट करने का प्रावधान करते हुए ग्राम पंचायत सहायक को ऐसे प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत कर दिया है। लेकिन जनपद गौतम बुद्ध नगर के पंचायत राज व्यवस्था से वंचित 288 गांवों के लोग जिला प्रशासन और प्राधिकरण के बीच पेंडुलम बने हुए हैं। इन गांवों में ऐसी जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का आज तक कोई प्रावधान नहीं किया गया है। हालांकि औद्योगिक नगरी क्षेत्र घोषित होने के बाद समस्त कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्राधिकरण की होती है लेकिन प्राधिकरणों ने आज तक गांव के लोगों के लिए इन सुविधाओं को देने का कोई इंतजाम और कर्मचारियों की तैनाती नहीं की है। 
 यह भी विडंबना का विषय है कि इन 288 गांवों के लोगों को इन जनकल्याणकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए आज तक जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कोई खासा प्रयास नहीं किया गया है। इससे इन गांवों के आम लोगों में सरकार के प्रति अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। दरअसल जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव के लोगों पर ध्यान न देने की मुख्य वजह शहरी मतदाताओं में हो रही वृद्धि है। जिससे गांवों के लोगों में निराशा बढ़ रही है।
   कर्मवीर नागर प्रमुख ने कहा कि जनपद गौतम बुद्ध नगर स्थित तीनों औद्योगिक प्राधिकरणों और जिला प्रशासन को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से 288 गांवो के आम लोगों को लाभांवित कराने की दिशा में कारगर कदम उठाने चाहिए ताकि इन गांवो के लोग जन कल्याणकारी योजनाओं और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित सुविधाजनक प्रक्रिया का लाभ उठा सकें। जिससे लोगों में सरकार के प्रति अच्छा संदेश जा सके।

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