गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में चल रहे यूनेस्को-इंडिया-अफ्रीका हैकथॉन 2022 का आज विधिवत् रूप समापन एवं पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न।
यूनेस्को-इंडिया-अफ्रीका हैकथॉन 2022 के समापन एव पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के अवसर पर भारत के मा0 उपराष्ट्रपति रहे उपस्थित।
भारत ने वैश्विक शांति और सहयोग के लिए एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य का नया मंत्र दियाः मा0 उपराष्ट्रपति।
गौतमबुद्धनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्धनगर में स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में 22 से 25 नवम्बर तक चल रहे यूनेस्को-इंडिया-अफ्रीका हैकथॉन 2022 का आज समापन हो गया। यूनेस्को-इंडिया-अफ्रीका हैकथॉन 2022 के समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मंे भारत के मा0 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा साथ में उत्तर प्रदेश की मा0 राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उपस्थित रही। आयोजित होने वाले हैकथाॅन में 22 अफ्रीकी देशों एवं भारतीय छात्र छात्राओं को मिलाकर 20 विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने के लिए 100 टीमों के द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिसमें आज 20 विजेता टीमों को माननीय उपराष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कार के रूप में 3-3 लाख रुपये के चेक वितरित किए गये।इस कार्यक्रम के अवसर पर मा0 उपराष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकथॉन के समापन सत्र में शामिल होना वास्तव में प्रसन्नता की बात है, उन्होंने हैकथॉन के विजेताओं को बधाई दी और इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 600 प्रतिभागियों की सराहना की। उन्होंने कहा हैकथॉन एक ऐसा आयोजन है जहां लोग 24-48 घंटों के कम समय में तीव्र और सहयोगी इंजीनियरिंग में संलग्न रहते हैं। हैकथॉन का लक्ष्य घटना के अंत तक कार्यशील सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर बनाना है, यह युवा नवोन्मेषकों को एक साथ आने, सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी समस्याओं के समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने का एक अद्भुत मंच प्रदान करता है, जिसमें भारत और अफ्रीका के हमारे मित्र देशों के युवा उद्यमियों के प्रतिभाशाली समूह शामिल है। इस हैकथाॅन में अफ्रीका के 22 देशों के 350 से अधिक छात्रों की भागीदारी इसकी सफलता का सूचक है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को भारत अफ्रीका हैकथॉन 36 घंटे तक लगातार चलने वाला हेकथाॅन है, जो उल्लेखनीय रूप से छात्रों, शिक्षकों और भारत के अनुसंधान समुदाय और इसके अफ्रीकी भागीदारों को उनके देशों के सामने आने वाली आम चुनौतियों का समाधान करने और उनसे निपटने के लिए एक साथ लाता है। यह तंत्र सांस्कृतिक सम्मेलन के लिए एक सूत्रधार के रूप में भी पूरी तरह से कार्य करता है तथा दुनिया को बदलने की क्षमता वाले स्टार्ट-अप के निर्माण की नींव के रूप में भी कार्य करता है। माननीय उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि वास्तव में प्रतिभागियों के लिए अपनी रचनात्मकता को उजागर करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच - विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीकों का पता लगाना एवं आधुनिक दुनिया में व्यावसायिक नवाचार की अगुवाई करना तथा यह आयोजन भारत और उसके अफ्रीकी समकक्षों द्वारा पोषित घनिष्ठ संबंधों को भी दर्शाता है और सहयोग की भावना का प्रतीक है। भारत नवाचार और उद्यमशीलता का घर है, जोकि अवसरों और निवेशों के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य है। इसका उभरता हुआ पारिस्थितिकी तंत्र क्षमता के दोहन और प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए अनुकूल है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, एआईसीटीई और यूनेस्को के इस 36-घंटे के हैकथॉन के आयोजन में सहक्रियात्मक कार्य के लिए इनोवेशन सेल की सराहना की और कहा कि भारत और अफ्रीका उपनिवेशवाद और रंगभेद के खिलाफ सभ्यतागत जुड़ाव और सामूहिक संघर्ष के ऐतिहासिक बंधन दोनों को साझा करते हैं। हम हिंद महासागर के पड़ोसी हैं। अफ्रीका के साथ भारत के संबंधों ने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हुए भारत के विश्व दृष्टिकोण में एक नैतिक दिक्सूचक के रूप में काम किया है तथा हम अफ्रीका के अपने मित्रों को हर संभव नैतिक और भौतिक समर्थन देना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने वैश्विक शांति और सहयोग के लिए एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य का नया मंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम हमारे युगों पुराने लोकाचार को प्रतिध्वनित करता है। जब हम एक दुनिया, एक परिवार, एक भविष्य का आह्वान करते हैं तो हम अपने विकास को टिकाऊ बनाने के लिए भावी पीढ़ियों और ग्रामीण समुदायों के आम लोगों के हितों को शामिल करते हैं एवं सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के लिए हमारे समकालीन राष्ट्रीय प्रयास का विस्तार है। समावेशी, सहयोगात्मक प्रगति का यह आदर्श सभी स्तरों पर तेजी से क्रियान्वित हो रहा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। भारत स्वयं विश्व में स्टार्ट-अप का तीसरा सबसे बड़ा पूल है। लगभग 75000 स्टार्ट-अप भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इस हैकथॉन में आपके द्वारा बनाए गए अभिनव समाधानों को अपनाने के लिए हमारे गांव तैयार होंगे तथा हमारे गांवों को ई-शिक्षा, ई-स्वास्थ्य, ई-वाणिज्य और ई-मनोरंजन के माध्यम से वैश्विक डिजिटल स्थान का हिस्सा बना देगा। गांवों को डिजिटल रूप से जोड़ने पर विशेष बल दिया जा रहा है। 2.5 लाख ग्राम पंचायतों (ग्रामीण स्थानीय निकाय) को 6 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जा रहा है। सरकार अपने महत्वाकांक्षी गतिशक्ति मिशन के तहत सड़क, रेल, हवाई लिंकेज, पावर ग्रिड और गैस-पाइपलाइन लिंकेज, रिवर लिंकेज बनाने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की मा0 राज्यपाल महोदया आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत ने हमेशा पूरी दुनिया एक परिवार (वसुधैव कुटुम्बकम) के विचार को सुदृढ़ किया है और यह दुनिया को एक साथ और करीब लाने के लिए वैश्विक स्तर पर हमारे प्रयासों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकथॉन भारत के ऐसे ही सकारात्मक प्रयासों का परिणाम है। भारत दुनिया को जोड़ने तथा सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे को करीब लाने वाला, जातीयताओं और विभिन्न मान्यताओं के बीच बेहतर तालमेल बनाने की दृढ़ इच्छा रखता है। हमने कभी भी अपने पराक्रम से किसी पर अधिकार नहीं किया, लेकिन हमने हमेशा बुद्ध और योग की संस्कृति को विकसित किया है, अर्थात शांति और अच्छा स्वास्थ्य सबको मुहैया हो यही हमारी कामना रही है। यूनेस्को इण्डिया अफ्रीका हैकथान-2022 के पुरूस्कार वितरण समारोह के लिए इस विश्वविद्यालय से बेहतर कोई स्थान नहीं है, जिसका नाम महात्मा गौतम बुद्ध के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने दुनिया को शांति का मार्ग दिखाया है। आत्म-बोध और विभिन्न देशों और जातियों की विचारधारा को शांति की ओर प्रेरित करने का अनूठा कार्य महात्मा बुद्ध ने किया।उन्होंने इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सराहना करते हुये कहा कि उन्होंने हमेशा विश्व शांति और सह-अस्तित्व के लिए भारत के दृष्टिकोण एवं इस दिशा में उठाये जा रहे प्रभावी कदम की सदैव वकालत की है। आज माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत और अफ्रीका के व्यापार संबंध, सांस्कृतिक संबंधों, व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में लगातार बढ़ते सहयोग और नवाचार और उद्यमिता को परस्पर साझा करने के लिए एक दूसरे की ओर उन्मुख हैं। मा0 राज्यपाल महोदया ने माननीय प्रधानमंत्री को इस तरह की एक भव्य अंतरराष्ट्रीय पहल की कल्पना करने और उत्तर प्रदेश को इसकी मेजबानी करने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।उन्होंने कहा कि यूनेस्को-भारत-अफ्रीका हैकथॉन समदृष्टि, अधिक सहयोग और विश्वास का ही परिणाम है कि भारत विकासशील देशों की आकांक्षाओं को मंच प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मा0 राज्यपाल महोदया ने हैकथॉन के आयोजकों को विशेष रूप से यूनेस्को, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के नवाचार प्रकोष्ठ, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को इस भव्य कार्यक्रम को एक साथ रखने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यूनेस्को भारत-अफ्रीका हैकथॉन अपनी तरह की एक नेक पहल है और ऐसा दिव्य आयोजन उत्तर प्रदेश में पहली बार हो रहा है। इसकी ऊर्जा बेजोड़ है और क्रॉस-कल्चरल एक्सपोजर जो मैं यहां देख सकती हूँ, वह बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह हैकाथॉन अफ्रीकी छात्रों को भारतीय शिक्षा और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को समझने और भविष्य में भारत में अपने उच्च अध्ययन को आगे बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करेगा। आज हम भारत में सफल स्टार्टअप के बारे में बहुत कुछ सुनते हैं और हाल ही में वे हमारे युवाओं के लिए भविष्य की अर्थव्यवस्था और अवसरों के केंद्र बिंदु के रूप में उभरने लगे हैं। स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था विभिन्न गतिविधियों को औपचारिक रूप देने के लिए एक महान उपकरण हैं और वे मानवता को जीवन के उच्च मानकों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, जो इतने कम समय में व्यवसायों के पारंपरिक अभ्यास के साथ हासिल करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप कल्चर और इनोवेशन की क्षमता को समझते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी हमारे युवाओं के इनोवेशन को दिशा देने के लिए अनेक नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। राज्य सरकार स्टार्टअप्स, आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, एग्रो फूड इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेसिंग, डेयरी, टेक्सटाइल, रिन्यूएबल एनर्जी आदि जैसे कई महत्वपूर्ण सेक्टर पर फोकस कर रही है। हमने स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, मेटरशिप, सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप (सीओई) इनिशिएटिव और इनोवेशन हब जैसे क्षेत्र में पहल की है, उत्तर प्रदेश एक सक्षम उन्नत और इनोवेटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।*
*मा0 राज्यपाल महोदया ने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गतिशील प्रशासन के फलस्वरूप हम इस क्षेत्र में भी अन्य क्षेत्रों की तरह बड़ी सफलता हासिल करेंगे। उत्तर प्रदेश भारत का हृदयस्थल होने के कारण बुनियादी ढांचे, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में प्रगतिशील छवि बना रहा है। अंत में उन्होंने इस हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई दी।इस अवसर पर मा0 शिक्षा मंत्री भारत सरकार धर्मेन्द्र प्रधान, मा0 कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्यप्रताप शाही, मा0 सांसद डा0ॅ महेश शर्मा, मा0 विधायक जेवर धीरेन्द्र सिंह, मुख्य नवाचार अधिकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् भारत सरकार डाॅ0 अभय जेरे, पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, मण्डलायुक्त मेरठ मण्डल मेरठ सेल्वा कुमारी जे0, जिलाधिकारी सुहास एल0वाई0, कार्यक्रम से जुडे़ हुये भारत सरकार व अन्य देशों के वरिष्ठतम अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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