मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
नोएडा। दृश्य में हनुमान जी की वापसी होगी और श्री राम जी को चूड़ामणि दिखाकर उनको विश्वास दिला दिया जाएगा कि वह सीता की खोज कर आए हैं। रामा दल लंका की ओर प्रस्थान करता है और समुद्र तट पर पहुंच जाता है। अगले दृश्य में रावण दरबार लगता है जिसमें रावण को यह सूचना मिल जाती है कि उनका शत्रु समुद्र तट किनारे पहुंच चुका है वह अपने सैनिकों और सेनापतियों से राय लेता है तभी विभीषण बीच में बोल पड़ता है और रावण द्वारा विभीषण को लंका से निष्कासित किया जाता है।
अगले दृश्य में रामा दल समुद्र किनारे हैं तभी श्री राम को विभीषण के आने की सूचना मिलती है श्री राम उनका स्वागत करते हैं और उनका राजतिलक करते हैं। रामा दल समुद्र पार करने की योजना बना रहा होता है तभी विभीषण जी राय देते हैं कि पहले हमें रामेश्वरम पूजा करनी चाहिए रामेश्वरम पूजा होती है सेना का बैठे तीन दिन बीत जाते है तभी राम को आक्रोश आता है और वो अपना धनुष पर बाण चढ़ा देते है तभी समुद्र देव प्रकट होकर समस्या का समाधान बताते है । नल नील और सेना द्वारा समुंद्र सेतु का निर्माण किया जाता है रामादाल लंका पहुंच जाता है और यह सूचना रावण का मिल जाती है।
अगले दृश्य में रामादल द्वारा अंगद को रावण दरबार भेजा जाता है की वो जाकर एक बार संधि का प्रस्ताव रख आए। रावण दरबार में अंगद पहुंचता है और रावण अंगद संवाद होकर युद्ध का ऐलान होता है। रामादल मे युद्ध की सूचना अंगद के द्वारा दे दी जाती है युद्ध प्रारंभ होता है। रावण दरबार से इंद्रजीत युद्ध के लिए निकलता है और रामादल से लक्ष्मण निकलता है दोनो में भयंकर युद्ध होता है लक्ष्मण को वाण लग जाता है रामादल में निराशा छा जाती है। विभीषण द्वारा समाधान के रूप में सुषेण वैध को बुलवाया जाता है और हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने को पठाया जाता है। हनुमान जी बूटी ढूंढते है तभी कालनेवी उनको भटकाने का प्रयास करते है हनुमान उनको मार कर आगे बढ़ते है और बूटी लेकर आते है। बूटी लाते हुए भरत को हनुमान जी दिखते है और भरत द्वारा बाण से उनको मूर्छित कर दिया जाता है उसके बाद दोनो ने वार्तालाप होता है और फिर हनुमान जी निकल पड़ते हैं। रामादाल निराश बैठा है हनुमान का इंतजार कर रहे हैं तभी हनुमान जी आते है और बूटी द्वारा लक्ष्मण की मूर्छा को तोड़ दिया जाता है रामदल में खुशी की लहर हो जाती है।
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