दादरी। मारीपत एवं छपरोला आरओबी के निर्माण से ग्रेटर नोएडा विकास को भी लगेंगे पंख स्थानीय जनप्रतिनिधि आरओबी निर्माण के लिए सरकार पर बनाएं दबाव। दोनों आरओबी बनन के उपरांत लाखों लोगों को मिलेगा फायदा।
गाजियाबाद। गौतम बुद्ध नगर मिलक गांव के निवासी पूर्व प्रमुख एवं सामाजिक कार्यकर्ता कर्मवीर नागर ने क्षेत्रीय प्रतिनिधियों से मारीपत सदल्लापुर आरओबी एवं छपरोला आरओबी दोनों आरओबी को जल्द से जल्द बनाने की कि अपील। नागर ने बताया कि अकसर देखने में तो यह आता है कि राज्य सरकार द्वारा रेलवे लाइन के दोनों तरफ ओवर ब्रिज बनाने का काम पूरा कर दिया जाता है और रेल विभाग द्वारा रेलवे लाइन के ऊपर ओवरब्रिज का कार्य वर्षों तक लंबित पड़ा रहता है। लेकिन जनपद गौतम बुद्ध नगर के छपरौला रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण का मामला एक अपवाद है जहां रेलवे ने अपनी पटरियों के ऊपर वर्षों पूर्व ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर दिया है और राज्य सरकार के हिस्से का कार्य अधूरा पड़ा है। मामला यह है कि जनपद गौतम बुद्ध नगर के छपरौला गांव के पास रेल विभाग अपनी पटरियों के ऊपर वर्षों पूर्व ओवर ब्रिज का निर्माण कर चुका है लेकिन राज्य सरकार का ध्यान अभी तक इस ब्रिज के दोनों तरफ के हिस्से का काम पूरा करने की तरफ नहीं गया है। छपरौला रेलवे क्रॉसिंग से रोजाना हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन रहता है। क्योंकि यह गाजियाबाद से जनपद गौतम बुद्ध नगर को जोड़ने वाला सबसे पुराना रास्ता है। इस रेल रूट पर अब तीन रेल पटरियां होने की वजह से ट्रेनों का आवागमन भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। जिस वजह से रेलवे क्रॉसिंग पर वाहनों का लंबा जाम लग जाता है। रोजाना लगने वाले इस जाम से लोग बेहाल हो जाते हैं। इन दोनों जगहों पर ओवरब्रिज बनने से ग्रेटर नोएडा के विकास को भी पंख लगना स्वाभाविक है क्योंकि प्राधिकरण की कई विकास योजनाएं इन दोनों ओवररब्रिज के निर्माण से लोगों के लिए सुगम बन जाएंगी। साथ ही साथ जीटी रोड साइड के सेंकड़ों गांवों के लिए भी आवागमन सुगम हो जाएगा जिन गांवों का ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निकट भविष्य में अधिग्रहण करने जा रहा है। छपरोला और सादुल्लापुर मारीपत ओवरब्रिज निर्माण का मुद्दा मैंने विधानसभा चुनाव से पहले भी उठाया था। लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से मामला ठंडा पड़ गया था। अब फिर से छपरौला और मारीपत- सादुल्लापुर ओवरब्रिज निर्माण का मुद्दा आम जनता में जोर पकड़ रहा है। अधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, छपरौला रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण में विलंब का कारण रेल विभाग द्वारा ओवरब्रिज निर्माण करने से पूर्व राज्यसरकार से स्वीकृति न लेना बताया जा रहा है। लेकिन अब स्वीकृति की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार की तरफ से इस ओवर ब्रिज के दोनों तरफ के हिस्से का निर्माण करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम को सौंपी गई है। विधानसभा चुनाव से पूर्व इस मुद्दे को मेरे द्वारा उठाए जाने पर उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम द्वारा जिसका इस्टीमेट उत्तर प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को भेज दिया गया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सादुल्लापुर मारीपत रेलवे ओवरब्रिज का इस्टीमेट भी उत्तर प्रदेश शासन के पीडब्ल्यूडी विभाग को विधानसभा चुनाव से पूर्व ही भेज दिया गया था। इन दोनों ओवरब्रिज निर्माण के लिए मैंने जनता की आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाने का काम किया था। उसी के बाद सेतु निर्माण निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग हरकत में आए थे। लेकिन फिर वही रढाक के तीन पातर वाली कहावत चरितार्थ होती है नजर आ रही है। क्योंकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दोनों ओवर 1 ब्रिज का निर्माण उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी मंत्रालय/विभाग की प्राथमिकता सूची में नहीं है। जिस वजह से इन दोनों ओवरब्रिज के निर्माण हेतु बजट स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। एक तरफ जहां सत्ता और सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधि अपनी उपलब्धियां गिनाते नहीं थकते वहीं दूसरी तरफ जनहित के ऐसे जरूरी मुद्दों की तरफ ध्यान न देना विडंबना का विषय है। जहां दोनों ही रेलवे क्रॉसिंग पर लोग सुबह शाम घंटो जाम में फंसे रहते हैं। कई बार तो गंभीर रूप से बीमार लोग इन दोनों ही रेलवे क्रॉसिंग के जाम में घंटो घंटो फंसे रहते हैं। इसके अतिरिक्त अपनी रोजी रोजगार के वास्ते आवागमन करने वाले लोगों को रोजाना जाम में फंसे रहना पड़ता है। ऐसी गंभीर समस्या पर भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान में जाना समझ से परे का विषय है। अतः पूर्व मंत्री और क्षेत्रीय सांसद डॉ महेश शर्मा से क्षेत्रीय जनता की ओर से मेरी मार्मिक अपील है कि उप्र सरकार में पैरवी करके दोनों ही ओवरब्रिज निर्माण को पीडब्ल्यूडी विभाग की प्राथमिकता सूची में दर्ज करा कर बजट स्वीकृत कराने का प्रयास करें ताकि आम जनता को रोजाना जाम में फंसने से राहत मिल सके।
0 टिप्पणियाँ