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जीबीयू परिसर में भी छठ का त्योहार मनाया जायेगा


मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर
गौतम बुद्ध नगर सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है और विधि विधान से किया गया पूजन जीवन में समृद्धि के लिये किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पूजन से विवाहित स्त्रियों का सौभाग्य बना रहता है और संतान की उन्नति के मार्ग खुलते हैं। छठ का पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा व उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्तूबर से 31 अक्तूबर की सुबह की अर्घ्य से पूरी होगी। 30 अक्टूबर (संध्या अर्घ्य) और 31 अक्टूबर (उषा अर्घ्य) को पड़ेगीभाव की 28 को नहाए-खाए और 29 को खरना है। इस दिन यदि आप विधि विधान से छठ माता की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है।छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है। इस दिन पूरा परिवार मिलकर भोजन तैयार करता है और दोपहर में इसे सभी लोग एक साथ मिलकर ग्रहण करते हैं।छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है जिसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और ये व्रत सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक रखा जाता है। खरना के अगले दिन संध्याकाल में सूर्य की पूजा के बाद महिलाएं उस दिन के व्रत का पारण करती हैं। इसके अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर सूरज की पूजा की जाती है।छठ पूजा का महत्व छठ का व्रत सूर्य देव, ऊषा , प्रकृति, जल और वायु को समर्पित माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं की संतान का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और उसे दीर्घायु का वरदान मिलता है। इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली स्त्रियों को संतान सुख का आशीष मिलता है और उन पर छठ माता की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। जो महिलाऐं इस व्रत को नियम से करती हैं उनके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।ऐसी मान्यता है कि जो महिला छठ पूजा का पालन विधि विधान से करती है उसकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।ग्रेटर नोएडा में घाटों की व्यवस्था ज़िला प्रशासन ने की है लेकिन भीड़ से बचाने के लिये लोग अपने अपने घरों के पास ही अपनी कृत्रिम व्यवस्था की है जहां छठ पूजा की विधि विधान से करने की व्यवस्था की है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय परिसर में भी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी छठ पूजा ए ब्लॉक में की जा रही है जिसमें विश्वविद्यालय परिवार के लोग अपनी स्वेच्छा से भागीदारी करते हैं। यह कृत्रिम व्यवस्था में भीड़-भाड़ से बचाते हुए पर्व मनाने की सीख कोविड काल की दें है। कल से इस पर्व की विधि विधान से छठ पूजा की तैयारी शुरू हो जाएगी जो अगले चार दिनों तक चलेगी।

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