मुजफ्फरनगर सीएचसी प्रभारी अन्नू चौधरी व डॉक्टर उमंग श्रीवास्तव ने बच्चों की आंखों को चैक किया। परीक्षण किटों द्वारा डीएवी कॉलेज के बच्चों और ग्रामीणों सहित 156 लोगो का निरीक्षण किया गया। जिन बच्चों और व्यक्तियों की आंखें कमजोर थी उनको इलाज के लिए विवेकानंद नेत्रालय देहरादून रेफर किया गया आंखों की साफ सफाई के लिए बच्चों को जागरूक किया गया। प्रधानाध्यापक धर्मवीर सिंह अध्यापकों द्वारा कैम्प का सफलतापूर्वक संचालन किया गया।
अनहेल्दी डाइट और गैजेट की वजह से आंखें खराब
डॉक्टर्स ने बच्चों को बताया कि हेल्दी डाइट लें और गैजेट को कम से कम प्रयोग करें। आजकल लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से आंखों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। आजकल लोगों की सुबह मोबाइल के स्क्रिन से शुरू हो रही है और लैपटॉप के स्क्रिन के साथ खत्म हो रही है। इनका असर बड़ों के साथ अब बच्चों में भी देखने को मिलने लगा है। कम उम्र में ही बच्चों को मोटे लेंस लगाने पड़ रहे हैं।
*आंखों की सेहत के लिए ये करें*
1. आंखों में ड्राइनेस की समस्या आजकल आम हो गई। इससे बचने के लिए जरूरी है कि पलकों को झपकाते रहें। इसके साथ आंखों में जलन भी होती है। इस दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए हाइड्रेशन आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं और एक्सरसाइज के लिए रोज पलकों को झपकाते रहें।
2. कम्प्यूटर स्क्रिन की टाइमिंग को कम करें। फोन को कम से कम इस्तेमाल करें. पढ़ाई करते हुए किताब और आंखों के बीच 25 सेमी की दूरी रखें। इससे आंखों पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
3. रोजाना आंखों को पानी से धोएं और इसके साथ अपनी डाइट में हरी सब्जियां, गाजर और फलों को शामिल करें. वक्त पर पूरी नींद लें। इससे आंखों की सेहत ठीक रहती है।
इस मौके पर बालेंद्र कुमार , सशांक त्यागी आदि मौके पर मोजूद रहे
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