नोएडा। श्री सनातन धर्म रामलीला समिति (रजि0) नोएडा द्वारा सर्वप्रथम राजा रामचंद्र जी अपना वनवास पूर्ण और लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापिस आयें उनके संग सीता माता, भैया लक्ष्मण, विभीषण, हनुमान, सुग्रीव रहे।
अयोध्या में हर्ष का माहौल रहा सारी अयोध्या नगरी दुल्हन की तरह सजी रही श्रीराम जी के आने की सूचना मिलने पर भ्राता भरत, शत्रुघ्न, और तीनों माताएं उनका आरती से स्वागत किया। उसके बाद पूरा राम दरबार बैठा राम दरबार की आरती के साथ वशिष्ट द्वारा राजतिलक कराया गया। उसके बाद अयोध्या में लव कुश आयें और अपनी माता के साथ हुए अन्याय के कारण अयोध्यावासियों से पूछे।
आखरी दृश्य में लव कुश राजमहल में गीत के माध्यम से सारी राम कथा का व्याख्यान करते है और अंत में सभी को लव कुश के राम के पुत्र होने का ज्ञात हो जाता है और सभी खुशियां मनाने लग जाते है।
कार्यक्रम में समिति के चेयरमैन डा. टी.एन. गोविल, अध्यक्ष टी. एन. चौरसिया, कार्यकारी अध्यक्ष सुशील भारद्वाज, महासचिव संजय बाली, कोषाध्यक्ष अल्पेश गर्ग, अतुल मित्तल, रमेश कुमार, एन.के. अग्रवाल, सतनारायण गोयल, पंकज जिन्दल, मित्रा शर्मा, विपिन बंसल, प्रदीप अग्रवाल, अनिल गुप्ता, संजय गुप्ता, विनय शर्मा, सौरभ गोविल, विकास जैन, महेन्द्र कटारिया, पवनदीप सिंह, महिमा मिततल, राकेश शर्मा, गोपाल अग्रवाल, संजय गोयल, आलोक वत्स, प्रताप मेहता, राजेश गुप्ता, प्रवीण बंसल, अरूण शंकर राय, केशव गंगल, किरण बंसल, डा. एस.पी. जैन, रामकुमार शर्मा, इन्द्रमोहन कुमार, अभय अग्रवाल, निखिल अग्रवाल, नरेश बंसल, सौरभ सिंघल, बिदुषी शर्मा, प्रमोद रंगा, रमन भोला, अभिमन्यु जिंदल, विशाल कश्यप, आशीष जिंदल, आदि काफी संख्या में समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
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