गौतम बुद्ध नगर बादलपुर कु० मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर हिंदी विभाग के सौजन्य से विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से किया गया। संगीत विभागाध्यक्ष डॉ० बबली अरुण ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। तत्पश्चात सम्मेलन में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कविगणों श्री राज कौशिक जी, डॉ० सतीश वर्धन जी एवं श्री सुनेहरी लाल तुरंत जी का स्वागत माल्यार्पण एवं उत्तरीय के द्वारा किया गया। इस सुअवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं हेतु स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मंचासीन प्रख्यात कवियों ने निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य प्रो० डॉ०दिव्या नाथ जी द्वारा की गई। सर्वप्रथम विख्यात कवि श्री राज कौशिक जी ने हिंदी की महत्ता पर काव्य पाठ करते हुए कहा कि हमारे बोल लेखन का श्रृंगार है हिंदी, हमारे आप के सबके गले का हार है हिंदी,हर त्यौहार की शुभकामना हिंदी में ही देना, दिवाली ईद क्रिसमस से बड़ा त्यौहार है हिंदी।तत्पश्चात कवि डॉ० सतीश वर्धन जी ने गुरु महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविता में कहा गुरु बिन ज्ञान नही, मिले कहीं मान नहीं, हमे ऐसा ध्यान रहना चाहिए, हमे अंधकार से ले गए प्रकाश में, भानु जैसे ऐसे गुरुओं का मान होना चाहिये, गुरुग्रंथ बाइबिल ने बताया है, गुरूओं का आदर सम्मान होना चाहिए, जीवन मे माता पिता और गुरूओं का, देवों से भी ऊपर स्थान होना चाहिए।इसी क्रम में काव्य प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए हास्यवतार कविवर श्री सुनहरी लाल वर्मा तुरंत जी ने बेटियों को समर्पित कविता प्रस्तुत करते हुए कहा कि शायरों की गजल सी हैं ये बेटियां, खूबसूरत कमल सी हैं ये बेटियां, इनको वो प्यार दो जो कहीं ना मिला, घर के आंगन की तुलसी हैं ये बेटियां। सम्मेलन में सभी कविगणों ने अपनी काव्य धारा से सभी के हृदयों को आह्लादित किया। हिंदी विभाग प्रभारी डॉ० रश्मि कुमारी जी एवं डॉ० जीत सिंह जी ने भी अपने काव्य कौशल का प्रदर्शन करते हुए अपने काव्यपाठ से सबको आनंदित किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में हिंदी भाषा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी हमारा गौरव है, हिन्दी हमारी मातृभाषा है, मात्र एक भाषा नहीं। उन्होंने हिंदी के गौरव को काव्य रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा अपनेपन की चली हवा, हिंदी के श्रृंगार से, हिंदी के स्वर बुला रहें है, सात समंदर पर से।कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में साहित्यिक संस्था कला भारती द्वारा प्राचार्या प्रो०डॉ० दिव्या नाथ, डॉ० रश्मि कुमारी, डॉ जीत सिंह, डॉ० दीप्ति वाजपेयी, डॉ० सुरेंद्र कुमार, डॉ० नीरज कुमार, डॉ० मिंटू को सम्मानित किया गया। अंत में सभी सम्माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। प्रो० डॉ० दीप्ति वाजपेयी द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कवि सम्मेलन के आयोजन में डॉ रश्मि कुमारी, डॉ जीत सिंह, डॉ० नीरज कुमार और डॉ० मिन्तु का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्रायें एवं समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित रहे एवं सभी ने समारोह की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
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