सेमरियावा। संतकबीरनगर जिले में दो दिनों तक हुई झमाझम बारिश ने उत्तर प्रदेश शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है। हालत यह है कि संत कबीर नगर जिला मुख्यालय स्थित सेमरियावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 'द्वीप' बना है। बरसात का पानी अस्पताल में घुस गया है। अस्पताल के चारों ओर भरा पानी से न केवल मेडिकल उपकरणों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि, डॉक्टरों और मरीजों को घुटनों पानी से होकर अस्पताल के अंदर जाना पड़ रहा है। सबसे बुरा हाल तो गर्भवती महिलाओं का है।
अस्पताल तो तालाब बना है कैसे आएं दवा लेने।
अस्पताल का पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इस वजह से गत दो दिनों से अस्पताल परिसर में भरा पानी बदबू मारने लगा है। उत्तर प्रदेश में बदहाल व्यवस्थाओं की पोल खोलने के लिए सेमरियावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की यह तस्वीर काफी है। इस पानी को न तो अस्पताल प्रशासन निकलवाने की जहमत उठा रहा है और ना ही खंड विकास अधिकारी सेमरियावा कोई पहल कर रहें हैं। कुछ दिन और यही हाल रहा तो यहां मरीजों को दवाएं कम और बीमारियां ज्याद पकड़ेगी। करीब आठ से बारह किलोमीटर दूर से चल कर सेमरियावा स्वास्थ्य केंद्र पर दवा लेने आए गांव बन्नी निवासी एक बुजुर्ग कहते हैं कि उन्हें चला नहीं जा रहा है। घुटनों में दर्द कि शिकायत है। अस्पताल में तो घुटनों पानी भरा है। डॉक्टर के पास कैसे जाएं। यही हाल कुछ और मरीजों का भी है। जो यहां उपचार करवाने आए हैं।
दूसरों को दे रहे सफाई की नसीहत, खुद घिरे गंदगी में।
कोरोना काल में सेहत विभाग दूसरों से साफ-सफाई रखने के निर्देश दे रहा वहीं अस्पताल परिसर में जमा बरसाती पानी में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। ऐसे में किसी कोरोना या फिर कोई अन्य संक्रमित बीमारी लग गई तो जिम्मेदार कौन होगा। क्योंकि जिले के आला अधिकारी से लेकर सीएमओ-एसीएमओ और बीडीयो हर कोई मौन है। आलम यह है कि अस्पताल परिसर में भरे पानी, फिसलन और कीचड़ की वजह से कोई मरीज गिर कर गंभीर रूप से चोटिल हो सकता है।
अस्पताल में विषैले जीवों के आने का खतरा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर और उसके चारों तरफ़ पानी भरा होने की वजह से विषैले जीवों के आने का खतरा बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि यहां गर्भवती महिलाओं की जांच और उनकी डीलिवरी भी करवाई जाती है। साथी उन्हें यहां भर्ती भी किया जाता है। अगर कोई जहरीला जीव परिसर या वार्ड या लेबर रुम में घुस आया तो स्टाफ के साथ-साथ जच्चा-बच्चा के लिए भी खतरा बन सकता है।
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