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राष्ट्र मेरा सुरक्षित रहे सर्वदा,प्राण मेरे सुरक्षित रहें न रहें : दिनकर



मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स हापुड़
 हापुड़।हिंदी साहित्य भारती अंतर्राष्ट्रीय के तत्वाधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन कर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम नगर के टैगोर पब्लिक स्कूल में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम गोष्ठी में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित किया गया। कवयित्री बीना गोयल ने सरस्वती वंदना की।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि डा वागीश दिनकर ने की।  संयोजन जिलाध्यक्ष वरिष्ठ कवि दिनेश त्यागी ने किया। जिसका संचालन कवि राजकुमार हिन्दुस्तानी  ने किया। डॉ वागीश दिनकर ने पढ़ा कि  राष्ट्र मेरा सुर क्षित रहे सर्वदा प्राण मेरे सुरक्षित रहें न रहें।राष्ट्र की धमनियां रक्त पूरित रहें,रक्त मेरी रगों में रहे न रहे।वरिष्ठ कवि और साहित्यकार राज चैतन्य ने पढ़ा - ओ मेरी लेखनी उनके गीत गा,जो हवन हो गए इस वतन के लिए।वरिष्ठ कवि दिनेश त्यागी ने पढ़ा सूली पर जो चढ़ गए करके काम तमाम।नायक हैं वो देश के,करता देश प्रणाम।।
वरिष्ठ कवि अशोक गोयल ने पढ़ा - 
तिरंगा राष्ट्र ध्वज हमारी शक्ति का संबल।
कवि रामवीर आकाश ने पढ़ा - 
बात में दम है अगर उसको बना ली जाए। 
कवि विजय वत्स ने पढ़ा -  
मेरा देश है महान जाने सारा ये जहान। कवि राजकुमार हिन्दुस्तानी ने पढ़ा कि तीन रंग का प्यारा झंडा अम्बर तक लहराता है।कवयित्री वीना गोयल ने पढ़ा राष्ट्र अर्चन ही हमारा कर्म हो। मनीषा गुप्ता ने पढ़ा छोड़ प्रेम के गीत राष्ट्रगीत गाने लगे।कवि आशीष भारद्वाज ने पढ़ा घायल मन की गठरी में पैबंद लगे हैं।कवि धर्मेन्द्र काव्य ने पढ़ा खुला गगन ऊपर जिनके। कवि ओमपाल सिंह विकट ने पढ़ा -
रात तिरंगा चुपके से मेरे सपने में आया।
थरथर थरथर कांप रहा था लगता था घबराया।
कवि महेश वर्मा ने पढ़ा आन बान शान है ये।  कवि कपिल वीर सिंह ने पढ़ा संबल दे रहा था वो तिरंगा।कवि पुष्पेन्द्र पंकज ने पढ़ा यदि उस ओर जाओ।कवि गंगा शरण शर्मा ने पढ़ा ए मेरे वतन के नौजवानों।कवि शिव प्रकाश शर्मा ने पढ़ा ये देश ये तिरंगा।इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता उपेन्द्र राणा, प्रिंस जूडो कोच सुबोध यादव के साथ दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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