गौतम बुद्ध नगर जन्माष्टमी का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है!मंदिरों में लड्डू गेपाल का पालना सजाया जाता है. उन्हें झूला झूलाया जाता है. घर और मंदिर में भगवान श्री की पूजा की जाती है. इस दिन श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप विशेष लाभदायी साबित होता है!भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है. भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि के दिन हुआ था. इस बार जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त 2022 शुक्रवार दिवस मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से व्रत एवं पूजा की परंपरा है. घरों और मंदिरों को लाइटों और गुब्बारों से सजाया जाता है. रात के 12 बजे लड्डू गोपाल का जन्म होता है!तब उन्हें स्नान करा कर तैयार किया जाता है! उनकी आरती की जाती है और फिर उन्हें भोग लगाया जाता है.!जन्माष्टमी के दिन पूजा-पाठ, व्रत आदि का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन सच्ची श्रद्धा से उपवास आदि रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान श्री कृष्ण की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन पूजा पाठ के साथ आरती और मंत्र जाप का भी खास महत्व है. इनके बिना पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता. आइए जानते हैं इस श्री कृष्ण के किन विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है.
जन्माष्टमी के दिन करें इन मंत्रों का शुद्ध उच्चारण से जाप
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
कृं कृष्णाय नमः
गोकुल नाथाय नमः
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
ॐ श्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन। आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन
ओम क्लीम कृष्णाय नमः
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति जन्माष्टमी के दिन सच्चे मन से इन मंत्रों में किसी भी एक मंत्र का जाप करता है, उन्हें भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही, लड्डू गोपाल की कृपा से सौभाग्य, आरोग्य, समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही, खास मंत्रों के जाप से संकट और भय से मुक्ति मिलती है.
आप सभी देश वासियों को परिवार सहित श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
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