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संस्कार और संस्कृति को बढ़ाने के उद्देश्य से पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में संस्कृत पर हुआ विशेष कार्यक्रम।

कर्मवीर आर्य संवाददाता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
ग्रेटर नोएडा। संस्कृति के बिना देश का बढ़ना असंम्भव है क्योंकि की हमारे वेद, गीता, रामायण ,महाभारत एवं हिन्दू धर्म ग्रंथ सभी संस्क्रत भाषा में ही है। संस्कृतको के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से संस्कृत भारती द्वारा 9 से 15 अगस्त तक मनाए जाने वाले संस्कृत सप्ताह में पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी में संस्कृत पर कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम का आयोजन पंडित बैजनाथ शर्मा प्राच्य विद्या शोध संस्थान और संस्कृत भारती ग्रेटर नोएडा ने संयुक्त रूप से किया ।
कार्यक्रम का संचालन संस्कृत भारती मेरठ प्रांत के संपर्क प्रमुख आचार्य अलंकार शर्मा ने किया जो कि संस्कृत-संस्कृति सत्र चलाते हैं।‌‌ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक डॉ. रुद्रेश पांडेय ने कहा कि आज पश्चिम में किए जा रहे शोधों में संस्कृत भाषा और भारतीय ज्ञान का ही नए संदर्भों में प्रयोग किया जा रहा है। मुख्य अतिथि संस्कृत भारती की मेरठ प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. अर्चना आर्य ने स्वयं संस्कृत में संबोधित करते हुए संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर बल देने के लिए बच्चों को उत्साहित किया और “वंदे मातरम्” और “वंदे संस्कृत मातरम्” के नारे सभी से लगवाए । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. वी.सी. श्रीवास्तव ने संस्कृत- संस्कृति सत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को आशीर्वाद दिया और कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की ।
कार्यक्रम में इन सत्रों में पढ़ने वाले बच्चों ने कई संस्कृत वंदना स्तोत्रों और श्लोकों की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसे उपस्थित जनों ने बहुत सराहा । इस अवसर पर संस्कृत-संस्कृति सत्रों में गाजियाबाद में 2 स्थानों पर और ग्रेटर नोएडा में पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट में पढ़ने वाले 35 बच्चों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए ।गाजियाबाद में यही सत्र चलाने वाले अभिनंदन शर्मा और आलोक शर्मा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे । संस्कृत कार्यक्रम में सर्वश्री सुभाष पाल, मिनी नायर, उदय पांडेय, अभिषेक मिश्रा, आशू राणा को सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में सर्वश्री अशोक चौधरी, अरुण गोयल, उत्सव राय, राजकुमार आर्य दादरी, नरेंद्र भागीरथी, अनुज पाराशर, विनोद पहलावत, ब्रजकुमार सांगवान उपस्थित रहे ।

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