नोएडा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को श्रमिक के रूप में मान्यता, न्यूनतम वेतन का अधिकार, पेंशन, सामाजिक सुरक्षा और ट्रेड यूनियन अधिकार जैसी कई मांगों को लेकर अखिल भारतीय आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स फेडरेशन सम्बध्द सी.आई. टी.यू. के आव्हान पर 26 जुलाई 2022 को प्रातः 10:00 बजे से जंतर- मंतर नई दिल्ली पर केरल, कर्नाटक, जम्मू- कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से आंगनवाड़ी कर्मियों ने चार दिवसीय आंगनवाड़ी अधिकार महापडा़व शुरू कर दिया।
महापड़ाव को सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड तपन सेन, सीटू दिल्ली एनसीआर राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र गौड, महासचिव अनुराग सक्सेना, आंगनवाड़ी कर्मियों की राष्ट्रीय नेता ए आर सिंधु सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित करते हुए केंद्र व प्रदेश सरकारो की श्रमिक विरोधी नीतियों को रेखांकित किया।
आंगनवाड़ी अधिकार महापड़ाव की जानकारी देते हुए सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि अपने हक अधिकारियों को हासिल करने के लिए देश के कोने-कोने से आंगनवाड़ी कर्मियों ने आज से जंतर-मंतर पर महापड़ाव शुरू किया है जो 29 जुलाई तक चलेगा। उन्होंने कहा कि कुपोषण को मिटाने के लिए जिन आंगनवाड़ी कर्मियों से पूरा काम सरकारें लेती है लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं देती है। वेतन के नाम पर कुछ मानदेय दिया जाता है जो नाकाफी है, देखा जाए तो सरकार की गलत नीतियों के कारण आंगनवाड़ी खुद कुपोषण की शिकार है और इस नाइंसाफी के खिलाफ अगर वें आवाज उठाती हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाता है जिसका ताजा उदाहरण हरियाणा और दिल्ली में देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि शोषण के खत्म होने तक और आंगनवाड़ी कर्मियों को कर्मचारी का दर्जा मिलने तक सीटू का संघर्ष जारी रहेगा।
0 टिप्पणियाँ