ग्रेटर नोएडा।शारदा विश्विद्यालय के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के छठे सेमेस्टर के छात्रों ने अगस्त 2019 में भंगेल की जीतराम कॉलोनी में एक सामाजिक समस्या का सर्वेक्षण प्रारम्भ किया जिसका मुख्य उदेश्य किशोरियों में मासिक धर्म समस्या के समय साफ सफाई का ध्यान रखना था। सर्वेक्षण के बाद पता चला की केवल 60 प्रतिशत लड़कियां ही सैनेट्री पैड का उपयोग करती है, बाकी 40 प्रतिशत कपड़े का उपयोग करती है लेकिन पैड का उपयोग करने वाली लडकियां भी केवल पूरे दिन मे 2 से 3 पैड बदलती है जिसकी वजह से वह गर्भाशय की समस्या से परेशान हो रही है और गंभीर संक्रमण का शिकार बन रही है।शारदा विश्वविद्यालय के सामुदायिक विभाग द्वारा हाल में किये गए सर्वेक्षण से पता चला कि अब 68 प्रतिशत लड़कियां इस समय सैनेट्री पैड का उपयोग कर रही है और उसको हर 2- 3 घंटे पर बदलने भी लगी । विभागाध्यक्ष डॉ शालिनी श्रीवास्तव का कहना है कि लोगो में इसके प्रति जागरूकता बढ़ा कर हम इससे जुड़ी बीमारी पर रोकथाम लगा सकते है । इसके साथ ही सामुदायिक चिकित्सा विभाग की डॉ अंबरीन चौहान ने भंगेल में कैंप का आयोजन करवाया जिसमे स्त्री रोग विभाग के डॉक्टरों द्वारा किशोरियों को मासिक महामारी के समय होने वाली परेशानियों के मुफ्त परामर्श दिया गया और स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की डीन डॉ मनीषा जिंदल ने किशोरियों को मुफ्त सैनेट्री पैड वितरण किये।विभाग के प्रोफेसर डॉ हर्ष महाजन ने घर घर जाकर उनके माताओं को जागरूक किया।मौके पर मौजूद डॉ अमित सिंह, डॉ नेहा त्यागी और डॉ नीति पुरवार थी।
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