ग्रेटर नोएडा।विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर लोगों को हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करने हेतु शारदा अस्पताल में कार्यक्रम का अयोजन किया गया। जिसके तहत शारदा अस्पताल के मेडिकल सुपरिडेंटेंट डा एके गड़पायले ने विषय से जुड़ी तमाम तथ्यों पर जानकारी प्रदान की। मेडिकल सुपरिडेंटेंट डा एके गड़पायले ने बताया कि हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिस पर समय रहते अगर ध्यान दिया जाए तो इस पर रोक लगाई जा सकती है लेकिन इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। हेपेटाइटिस लिवर से जुडी समस्या है और लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जिससे पूरे शरीर को ताकत मिलती है और अगर व्यक्ति का लिवर सही से काम न करे तो उसे बहुत प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे पीलिया, शरीर में प्रोटिन की कमी, पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी आदी। व्यक्ति को सही समय पर रोग का अगर नही पता लगता है तो समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है और लीवर सिरोसिस, पोर्टल हाइपरटेंशन, शरीर पर सूजन आदि जैसी बड़ी बीमारी भी हो सकती है। बचाव के बारे में बताते हुए डा गड़पायले ने बताया कि हेपेटाइटिस से बचने के लिए टीका समय पर लगवाएं, ऑपरेशन के दौरान हेपेटाइटिस वायरस मुक्त उपकरणों का इस्तेमाल करे, उबले हुए पानी का सेवन करे, किसी अन्य व्यक्ति का रेजर, सुई आदि का प्रयोग न करे। डा एके गड़पायले ने कहा कि सरकार ने इस बीमारी से बचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रोकथाम कार्यक्रमों का आयोजन किया है जिसका लाभ पीड़ित व्यक्ति को उठाना चाहिए। हेपेटाइटिस से बचने के लिए जागरूकता एंव वैक्सीन का इस्तेमाल ही प्रमुख उपाय है इससे डरे नही बल्कि समय रहते इसको लेकर सावधान रहे।शारदा स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च कि डीन डा मनीषा जिंदल ने कार्यक्रम के आयोजन पर बधाई दी और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से मेडिकल के छात्रों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है जोकि उनके भविष्य में काम आ सकती है। किसी भी बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले जागरूकता ही एक अहम कदम होता है। हेपेटाइटिस के खिलाफ लड़ाई तभी लड़ी जा सकती है जब हम उसके बारे में सब कुछ जानते होगे।
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