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उत्तर प्रदेश वित्त विभाग ने ट्रांसफरों में किया भारी खेल !

दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स।
गौतम बुद्धनगर/लखनऊ । उत्तर प्रदेश वित्त विभाग के आधीन मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी ,सहकारी समितियां एवं पंचायतें, लखनऊ द्वारा 30 जून 2022 में किए गए ट्रांसफरों में भारी खेल किया है समूह "ग"के कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण नीति 2022-23 के अंतर्गत पटल परिवर्तन के ही आदेश थे तथा ट्रांसफर करने जरूरी होने पर मेरिट बेस ट्रांसफर के आदेश थे परंतु विभाग द्वारा 20 से 27 वर्ष से एक ही स्थान पर बैठे कर्मचारियों का ट्रांसफर न करके स्थानांतरण नीति के विरुद्ध बाद में आए कर्मचारियों का ट्रांसफर किया गया है यही नहीं स्थानांतरण नीति के विरुद्ध ऐसे कर्मचारियों के भी ट्रांसफर गिनती पूरी करने के लिए कर दिए गए जिनकी सेवानिवृत्ति के मात्र 3 से 6 माह बाकी थे उनमें से एक कर्मचारी राजेश कुमार के तीन महा सेवानिवृत्ति के बचे थे उनका ट्रांसफर बरेली कर दिया गया वह यह सदमा सहन न कर पाए क्योंकि किसी भी हाल में उनका ट्रांसफर नहीं होना था अचानक इस प्रकार की खबर से उनकी मौत हो गई ऐसा भी नहीं है कि शासन को यह सब पता नहीं है शासन को कई व्यक्तियों द्वारा प्रमुख सचिव वित्त लेखा परीक्षा  अनुभाग -1 तथा वित्त मंत्री जी को सीधे पत्र लिखकर इस स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करते हुए किए गए ट्रांसफरों की जांच कराकर रद्द करने हेतु रजिस्टर्ड लेटर भेजे गए हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है या यूं कहें कि सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है एक महिला ने अपने रजिस्टर्ड पत्र द्वारा वित्त मंत्री, अपर मुख्य  सचिव (वित्त) व मुख्यमंत्री जी आदि को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके पति द्वारा अरबों रुपए के विभाग द्वारा छुपाए गए घोटालों की शिकायत शासन को की थी जिसके कारण उनके विसलब्लोअर पति को उस अधिकारी के अधीन ट्रांसफर करके भेजा जा रहा है जिस अधिकारी ने मेरठ में रहते हुए उनके पति को मारने की सुपारी कार्यालय  कर्मचारियों से मिल कर दी थी महिला का यह भी कहना है कि उसके पति का ट्रांसफर उनकी हत्या कराने के लिए ही किया गया है इन हालातों में मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर प्रतीत होता है क्योंकि महिला के पास लगाए गए आरोपों के पूरे पेपर साक्ष्य उपलब्ध हैं जिनमें अरबों रुपए के ऑडिट में पकड़े गए गबन व गंभीर अनियमितताओं के मामलों पर नियमानुसार कार्रवाई ने करके विभाग द्वारा दबाया गया था तथा महिला के पति द्वारा उनकी शासन को शिकायत की थी  जिनको देखकर महिला के आरोपों की पुष्टि होती नजर आ रही है परंतु उत्तर प्रदेश सरकार में शासन क्यों चुप्पी साधे बैठा है इसका जवाब नहीं मिल रहा है

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