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लेखक को अच्छा पाठक भी होना चाहिए - प्रमोद दीक्षित मलय


मनोज तोमर ब्यूरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स हापुड़
धौलाना।साहित्यिक सद्भावना मंच द्वारा आयोजित रचनात्मक लेखन कार्यशाला में रचनाधर्मी शिक्षकों ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज़ की ।साहित्यिक सद्भावना मंच , हापुड़ , उत्तर प्रदेश द्वारा 3 जुलाई दिन रविवार को एक ऑनलाइन  रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया । मंच की संस्थापिका श्रीमती ऋतु श्रीवास्तव ने  कार्यशाला का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए बताया कि इस कार्यशाला से मंच के सभी रचनाधर्मी शिक्षकों का  रचनात्मक लेखन में रुझान पैदा होगा और वो लेख विधा की बारीकियों से रूबरू होंगे ।विशेषज्ञ रूप में पधारे बांदा जिले के शिक्षक और साहित्यकार श्री प्रमोद दीक्षित मलय ने बताया कि रचनात्मक लेखन से अभिप्राय ऐसे लेखन से है जो पाठक के लिए नवल दृष्टि विकसित करे और  नए मानक गढ़े । लेखक को मानवतावादी और वैश्विक दृष्टिकोण का होना चाहिए । लेखन लालित्यपूर्ण, चित्रात्मक , संगीतात्मक और  जड़ चेतन के कल्याण की भावना से परिपूर्ण होना चाहिए ।उन्होंने लेख विधा पर प्रकाश डालते हुए शैक्षिक लेख लेखन की विस्तृत चर्चा की और बताया कि लेख में शब्दों और विचारों का दोहराव नहीं होना चाहिए । चयनित क्षेत्र  के अनुरूप शब्दावली का प्रयोग , व्याकरण , वर्तनी, विराम चिन्ह आदि का ध्यान , वाक्य विन्यास , गति और ठहराव का ध्यान लेखक को रखना चाहिए। प्रमोद जी ने प्रतिभागियों को शैक्षिक लेख लेखन के गुण सिखाते हुए बताया कि लेख का शीर्षक नवलता लिए हो और पाठक के मन में जिज्ञासा पैदा करने वाला हो । एक अच्छे लेखक को अच्छा पाठक और अच्छा सम्पादक होना चाहिए। लेखन - संशोधन - संपादन - प्रकाशन का क्रम अपनाना चाहिए ।यह कार्यशाला टीमवर्क का सर्वोत्तम उदाहरण रही।  समस्त कार्यों को साहित्यिक सद्भावना मंच के सभी सुधि सदस्यों ने आपसी सहयोग और   सौहार्द के साथ पूर्ण किया । कार्यक्रम का सुंदर संचालन श्रीमती शहाना सैफी ने किया। दीप प्रज्वलन शानू खन्ना, सरस्वती वंदना विजेता सिंह,निमंत्रण पत्र और पोस्टर बनाना नीलम गुप्ता , फोटो कोलाज बनाना शीतल सैनी, प्रतिवेदन लेखन शिल्पी कंसल,गूगल मीट पर कार्यशाला की व्यवस्था रेणु देवी जी ने की । विशेषज्ञ महोदय श्री प्रमोद दीक्षित का परिचय ऋतु श्रीवास्तव ने और कार्यशाला के अंत में आभार प्रदर्शन श्री पिंटू( डाइट प्रवक्ता ) ने किया ।सभी सदस्यों ने प्रमोद जी द्वारा बांटे ज्ञान के अमृत को छक कर पिया और विशेषज्ञ महोदय को विश्वास दिलाया कि प्राप्त ज्ञान का प्रयोग वो अपने लेखन में अवश्य करेंगे ।कार्यशाला में सीमा तोमर, गुरु दयाल , मीनू  सक्सेना, रेणु देवी,  रंजना गुप्ता, शानू खन्ना , नीलम गुप्ता, शीतल सैनी, प्रियंका सिंघल , सीमा सुमन , प्रतिभा शर्मा , शहाना सैफी, शुचि त्यागी, तृप्ति त्यागी , श्री पिंटू, ओमपाल राणा ,ऋतु  श्रीवास्तव, बुशरा सिद्दिकी , निधि महेश्वरी , विभा श्रीवास्तव, स्वाति शर्मा,आदि ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज करायी।

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