स्टार्ट-अप की दुनिया नए भारत की भावना को रिफ्लेक्ट कर रही है।
भारत के सामर्थ्य को बीते 8 वर्षों में एक नई उड़ान मिली है। स्टार्टअप अब यूनिकॉर्न बन रहे हैं। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना लोगों को स्वयं से अलग होकर समाज के प्रति समर्पण का भाव पैदा कर रही है। कर्तव्य पथ पर चल रहा भारत नई गाथा लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के 8 वर्ष पूरे होने से ठीक एक दिन पहले अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इन विषयों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, चार धाम की तीर्थ यात्रा में स्वच्छता को तीर्थ सेवा बनाने का मंत्र दिया। पेश है ‘मन की बात’ के अंश:
यूनिकॉर्न की सेंचुरी: क्रिकेट के मैदान की तरह ही भारत ने एक और मैदान में सेंचुरी लगाई है, जो विशेष है। इस महीने भारत में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के आंकड़े तक पहुंच चुकी है। इन यूनिकॉर्न का कुल वैल्युएशन 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। एक यूनिकॉर्न यानी, कम-से-कम साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का स्टार्टअप। पिछले साल 44 यूनिकॉर्न सामने आए और इस साल पिछले 3-4 महीनों में 14 और बने। भारतीय यूनिकॉर्न की औसत वार्षिक वृद्धि दर अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है। स्टार्टअप की दुनिया नए भारत की भावना को प्रदर्शित कर रही है।
स्टार्टअप को सही मार्गदर्शन: एक अच्छा मेंटर यानी सही मार्गदर्शन स्टार्टअप को नई उंचाईयों पर ले जा सकता है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित श्रीधर वेम्बू ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को तैयार कर रहे हैं। मदन पडाकी ने वन-ब्रिज बनाया जिसने भारत के 75 जिलों में 9 हजार से अधिक ग्रामीण उद्यमियों की मदद की है।
महिला सशक्तीकरण: तंजावुर गुड़िया महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नया अध्याय लिख रही है। तंजावुर में महिला स्वयं सहायता समूह स्टोर और कियोस्क खुल रहे हैं। इस पहल से 22 स्वयं सहायता समूह जुड़े हुए हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने हेतु अपने क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।
कर्तव्य पथ: कर्तव्य के मार्ग पर चलकर ही हम समाज व देश को सशक्त बना सकते हैं। आंध्र प्रदेश के राम भूपाल रेड्डी ने गांव की लड़कियों की शिक्षा हेतु अपनी पूरी पेंशन सुकन्या समृद्धि योजना में दान कर दी। यूपी के श्याम सिंह ने अपने गांव में स्वच्छ पानी की पाइप लाइन डालने के लिए अपनी पूरी पेंशन दान कर दी।
स्वच्छता और सेवा की साधना: इस समय हमारे देश में उत्तराखण्ड के ‘चार-धाम’ की पवित्र यात्रा चल रही है। लोग अपनी ‘चार-धाम यात्रा’ के सुखद अनुभव साझा कर रहे हैं। लेकिन श्रद्धालु केदारनाथ में कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी से दुखी भी हैं। पवित्र यात्रा में गंदगी का ढेर हो, ये ठीक नहीं। इन शिकायतों के बीच कई अच्छी तस्वीरें भी देखने को मिल रही हैं जिसमें यात्रा मार्ग से कूड़ा-कचरा साफ करते लोग शामिल हैं। स्वच्छ भारत की अभियान टीम के साथ मिलकर कई संस्थाएं और स्वयंसेवी संगठन भी वहां काम कर रहे हैं। तीर्थ-सेवा के बिना, तीर्थ-यात्रा भी अधूरी है।
जापान में भारत की संस्कृति: जापान में भारत के लिए अद्भूत लगाव और प्रेम है। हिरोशी कोइके ने स्थानीय प्रतिभाओं का उपयोग करते हुए 9 अलग-अलग देशों में महाभारत का निर्देशन किया है। उनके द्वारा निर्देशित प्रत्येक कहानी देश की स्थानीय कला विविधता के साथ जुड़ती है। अत्सुशी मात्सुओ और केंजी योशी ने रामायण पर आधारित एक जापानी एनिमेशन फिल्म का निर्माण किया है। फिल्म को 4K में फिर से बनाया जा रहा है।
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