-->

गुर्जर समाज नेे सामाजिक कार्यक्रमों में फिजूलखर्ची रोकने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।




एक बाजा कम बारातियों के साथ चढ़त का लिया संकल्प 

 मृत्यु भोज, रात जगाना व भात आदि फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने को एकमत ।
- जल दोहन व पर्यावरण संरक्षण पर ग्रामीणों ने संकल्प लिया।
शफ़ी मोहम्मद सैफ़ी दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स संवाददाता ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा।नवादा गांव स्थित चौपाल परिसर में पर्यावरण संरक्षण समिति की बैठक में सामाजिक कार्यक्रम में बढ़ती फिजूलखर्ची पर रोक लगाने, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने, मृत्युभोज में मिठाई नहीं बनाने सहित कई समाजोत्थान विषयों पर चर्चा कर संकल्प लिए गए।पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष संजय नवादा ने कहा कि किसी भी समाज के उत्थान में युवाओं की भागीदारी निहित होती है। युवाओं का समाज व राष्ट्रहित में रक्तदान शिविर एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित करना समाज के लिए गौरव का विषय है। समाज की सेवा करने का अवसर सौभाग्य से मिलता है। सामाजिक सेवा, एकता व अखंडता के साथ कार्य कर सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन भी जरूरी है। उपाध्यक्ष कपिल प्रधान पीपलका ने कहा कि सामाजिक कुरीतियां समाज के लिए अभिशाप है इसी के साथ शिक्षा स्वास्थ्य व पर्यावरण के प्रति सामाजिक जागरूकता जरूरी है। इसके लिए युवा शक्ति को मुख्य कार्यकारिणी का समर्थन जरूरी है। राजे प्रधान ने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति के लिए समाज का आर्थिक रुप से मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए फिजूल खर्चे में कम करने होंगे। उन्होंने मृत्युभोज में मिठाई छोड़ने का आह्वान किया।धीरज प्रमुख ने कहा कि गांव गांव जल दोहन पर रोक लगाने व पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है । फिजूलखर्ची रोकने की अब समय की जरूरत है ।मोहन बीडीसी ने कहा कि गोले शादी समारोह व अन्य उत्सव में आम हो गया है । फिजूलखर्ची संग वायु प्रदूषण गंभीर है ।  राज पीलवान ने कहा कि डीजे पर रोक लगाने पर सभी सहमत होकर संकल्प लिया कि डीजे समारोह में न लें जाएंगे न ही मंगवाएंगे । ऐसा करने पर ग्रामीण जुर्माना लगाएंगे । बैठक की अध्यक्षता चौधरी नरपत  प्रधानाचार्य व संचालन पुनीत नागर इमलिया का ने की। पुनीत नागर ने बैठक में उपस्थित लोगों को फिजूलखर्ची कम पर शपथ ग्रहण कराई ।  मुख्य वक्ता दिनेश आर्य ने कहा कि दिन में शादी करने से फिजूलखर्ची से बचेंगे और हमारे संस्कार भी कायम रहेंगे । दिन में शादी करने से न तो लाइटिंग और जनरेटर और सजावट के सामना पर फिजूलखर्ची करनी पड़ती ।विशिष्ठ वक्ता ममता भाटी ने कहा कि रात में ही अक्सर नशे का सेवन कर लोग बारातों में और कार्यक्रमों में शामिल होते है। दिन के समय यदि शादियां शुरु हो जाएंगी तो नशे की प्रवृति पर रोक लगेगी। और दिन में सबके सामने कोई भी नशा नहीं करेगा। चंद्रपाल चौधरी ने कहा कि नाईयों के दस फीसदी लग्न सगाई मांग जैसी कुरीति पर पाबंदी लगाने की जरूरत है ।इस दौरान मास्टर धीरज, चंद्रपाल नेताजी, कविंदर सरपंच, रिछपाल बाबुजी, टेकन शर्मा, गौरव नागर, कपिल प्रधान, ओमकार नागर, बाबा मिश्री, नीरज सरपंच, शंकर मास्टर, नरेंद्र जुनेदपुर, आदेश, नूर मोहम्मद, बलवीर, राज पीलवान, ममता भाटी, पुनीत नागर, बलवीर प्रधान, अमित पहलवान, दिनेश आर्य, रवि ठेकेदार, आशु आदि ने फिजूलखर्ची पर रोक लगाने का सुझाव दिए ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ