गौतम बुद्ध नगर जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में बंदियों के उत्तम मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य हेतु सप्तदिवसीय योग शिविर के आज तिसरे दिन बंदियों को बताया गया कि योग सिर्फ एक शारीरिक अभ्यास नहीं हैं, यह भावनात्मक एकीकरण एवम आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है,, जिससे हमें सभी कल्पनाओं से परे स्थित आयाम की एक झलक मिलती है। योग एक पूर्ण विज्ञान है, यह शरीर, मन, और आत्मा को एकजुट करती है। यह हर व्यक्ति को शांति और आनंद प्रदान करता है। योग एक व्यक्ति के व्यवहार, विचारों और रवैये में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है। योग के दैनिक अभ्यास से हमारी अंतः शांति संवेदनशीलता, और जागरूकता बढ़ती है।योग के नियमित अभ्यास से बंदियों में सकारात्मक परिवर्तन देखे जा रहे है। योग के माध्यम से बंदियों के अच्छे स्वास्थ्य तथा उन्हें बुराईयों से दूर कर एक अच्छे नागरिक की तरफ अग्रसर होने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। सप्तदिवसीय योग शिविर के आज तीसरे लगभग 48 बंदियों द्वारा प्रतिभाग किया गया साथ ही बंदियों द्वारा व्यायाम, ताड़ासान, कटिचक्रासन, वृक्षासन, सूर्यनमस्कार सहित प्राणायम का अभ्यास किया गया।इस अवसर पर जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह, जेलर अजय कुमार सिंह एवं जे०पी० तिवारी तथा कारागार के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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