-->

जिम्स हॉस्पिटल में जल्द बढ़ सकती हैं सुविधाएं,मुख्य सचिव की बैठक में सुपर स्पेशियलिटी पर लग सकती मुहर





हृदय, पेट, न्यूरो, प्रसूति, हड्डी, बाल रोग की जटिल बीमारियों के लिए शहर के निजी अस्पतालों पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर 


शफ़ी मोहम्मद सैफ़ी दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स संवाददाता ग्रेटर नोएडा

 ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) की रविवार को होने वाली गवर्निंग बाडी की बैठक में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने पर मुहर लग सकती है। इसे लेकर जिम्स प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अप्रैल में हुए स्थापना दिवस समारोह के मौके पर भी मुख्य सचिव ने प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही थी। सुपर स्पेशियलिटी होने पर क्षेत्र के लोगों को रियायती दर पर जटिल व गंभीर बीमारी के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।जिम्स की गवर्निंग बाडी की बैठक हर वर्ष की जाती है। मुख्य सचिव इसके चेयरमैन होते हैं। बैठक में अस्पताल और संस्थान की जरूरतों, स्टाफ, इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी आदि को लेकर चर्चा की जाती है और नई सुविधा की शुरुआत पर मुहर लगाई जाती है। पिछली बार की बैठक में बेसमेंट में पानी के भरने की समस्या को दूर करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी हुए थे। अगले महीने से इस पर कार्य भी शुरू हो जाएगा। अब अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी का दर्जा दिलाने पर अंतिम मुहर लगाने पर चर्चा होनी है।जिम्स को यदि ये तमगा मिल जाता है तो वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल होगा जो सुपर स्पेशियलिटी होगा। इस बारे में डा.अनुराग श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी, जिम्स कहते हैं कि इसके शुरू होने से हृदय, पेट, न्यूरो, प्रसूति, हड्डी, बाल रोग आदि की जटिल बीमारियों के लिए शहर के निजी अस्पतालों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। क्षेत्र के लोगों को दिल्ली स्थित एम्स, सफदरजंग, जीबी पंत आदि सरकारी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। वर्जन.. अभी अस्पताल में स्टंट डालने की सुविधा नहीं है। इसके लिए निजी अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है। सुपर स्पेशियलिटी होने से स्टंट समेत अन्य गंभीर बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ