नोएडा, मैसर्स- फ़ाजों कम्पनी के कामगारों की हड़ताल 1 जून 2022 को तीसरे दिन भी जारी रही। हड़ताल के मुद्दों को जानकारी देते हुए ऑल इंडिया गिग वर्कर्स यूनियन की दिल्ली एनसीआर संयोजक नेता रिक्ता कृष्णा स्वामी ने बताया कि फ़ाजो मैनेजमेंट द्वारा स्थाई वेतन को रद्द कर प्रीति डिलीवरी ₹45 देने की नई नीति लाई गई है जिसके अंतर्गत ₹4 प्रति किलोमीटर मिल रहा पेट्रोल भत्ता भी बंद कर दिया गया है। इस नई नीति के चलते फ़ाजो के कामगारों को और ज्यादा काम के बदले कम वेतन मिलेगा। फ़ाजो के लगभग 150 कामगार पिछले 3 दिन से हड़ताल पर है और कंपनी के स्टोर के बाहर विरोध प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। पुलिस और कंपनी के नुमाइंदे लगातार दखलअंदाजी कर उनकी एकता और दृढ़ संकल्प को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कामगारों का एकता बध्द संघर्ष जारी है।
फ़ाजो कंपनी के कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की मांगे जायज है कंपनी ने बिना बताए कर्मचारियों की सेवा शर्तों में बदलाव कर गैर कानूनी कार्य किया है और हम सीटू की ओर से कर्मचारियों के आंदोलन और उनकी मांगों का पूरा समर्थन करते हैं।
वही ऑल इंडिया बिग वर्कर्स यूनियन द्वारा कंपनी डायरेक्टर व शासन-प्रशासन को पत्र भेज कर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।
यूनियन द़ारा दिया गया ज्ञापन पत्र इस प्रकार है।
सेवा में, दिनांक : १ जून २०२२
अतुल कुमार, CEO, फ़्राज़ो,
102, वी वर्क विजय डाइमंड, A3 & B2, क्रॉस रोड B,
MIDC, अंधेरी (ईस्ट), मुंबई , महाराष्ट्र 400093
एवं
नितिन सिंघानिया, ज़ोनल मैनेजर, फ़्राज़ो,
नोएडा, उत्तर प्रदेश
विषय : फ़्राज़ो कम्पनी की नई पेआउट नीतियों पर नोएडा के डिलीवरी कामगारों की आपत्ति एवं माँगे।
महोदय,
फ़्राजो कम्पनी में काम करने वाले कामगार पिछले ५ महीने से, ५०० रुपए प्रतिदिन, १० घंटे के दर से डिलीवरी काम में कार्यरत थे। दिहाड़ी के साथ ही उन्हें ४ रुपए प्रति किलोमीटर पेट्रोल भत्ता भी मिलता था। इसी पर आगे काम करते हुए आ रहे थे।
लेकिन २८ मई २०२२ को फ़्राज़ो कंपनी के स्टोर मैनजर्ज़ और ज़ोनल मैनेजर नितिन सिंघानिया (मोबाइल : ९११३७२२५०६) ने, कंपनी के नए वेतन नीति की घोषणा की - जिसके अंतर्गत अब ४५ रुपए प्रति डिलीवरी ही दी जाएगी, तथा कोई पेट्रोल भत्ता नही दी जाएगी और स्थायी ५०० रुपए दिहाड़ी बंद की जाएगी। महंगाई और पेट्रोल की ऊँची दरों को देखते हुए, इस नई नीति के लागू होने से, फ़्राज़ो के कामगारों की काम व कमाई करने की क्षमता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
नई नीति को लागू करने से पहले ना तो कामगारों से सलाह ली गई, और ज़बरदस्ती नई नीति उनपे थोप दी गयी। स्टोर मैनेजर और ज़ोनल मैनेजर के साथ बातचीत के बाद भी कोई दुरुस्त समाधान नहीं मिला। कामगारों की जायज़ समस्याओं और माँगो को अनदेखा कर, उन्हें काम छोड़ने को कहा गया। जिसके चलते कामगारों के समक्ष हड़ताल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। नोएडा के लगभग १२० फ़्राज़ो के कामगार दिनांक ३० मई २०२२ से हड़ताल पर हैं और जब तक कामगारों की समस्याओं पर कोई सम्माजनक समझौता नही होगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी। कामगारों की ओर से हमारी यूनियन निम्न माँग करती हैं :
हमारी माँगें :
फ़्राज़ो के नए पेआउट सिस्टम को रद्द करें, पुरानी दिहाड़ी व्यवस्था (MG प्लान) को बहाल करें। :
प्रति डिलीवरी ४५ रुपए के नए पेआउट सिस्टम को हटाया जाए और पुराने पेआउट एवं कार्य संचालन सिस्टम को बहाल करें, जिसके अंतर्गत ५०० रुपए प्रतिदिन फ़्लैट पेआउट और ४ रुपए प्रति किलोमीटर पेट्रोल भत्ता दिया जाता था।
पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के साथ, कामगारों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश प्रदान करें। यदि कामगार एक से अधिक अवकाश लेते हैं तो सप्ताह का भुगतान प्रदान न करके उन्हें दंडित न करें। वेतन सिर्फ उसी दिन के लिए कटना चाहिए जिस दिन कामगार अपने साप्ताहिक एक दिन के अवकाश के अलावा छुट्टी लेता हो।फ़्राज़ो के डिलीवरी पार्टनर्स को दुर्घटना बीमा प्रदान करें : फ़्राज़ो के कामगार आँधी, तूफ़ान, बारिश, ट्रैफ़िक इत्यादि में गाड़ी चलाकर लोगों के घर तक आवश्यक वस्तुएँ पहुँचाते हैं। कम्पनी द्वारा पार्ट्नर एप में दुर्घटना बीमा पर कोई जानकारी या सुविधा नहीं दी गयी हैं। कम्पनी अपने कामगारों को तुरंत दुर्घटना बीमा प्रदान करें। फ़्राज़ो प्लेटफार्म में कोई भी नए बदलाव लाने से पहले कामगारों की सहमति ले: फ़्राज़ो के कामगारों के सहमति के बग़ैर, कंपनी प्लेटफार्म पर कोई भी बदलाव ना करें। पार्टनर एप पर उसका एक सर्वे होगा उस सर्वे में सभी कामगारों की राय ली जाएगी। फ़्राज़ो के डिलीवरी पार्टनर्स जी जान लगाकर काम करते हैं और कम्पनी के लिए सर्विसेज़ देते हैं। हमें उम्मीद है कि कंपनी की मेनेजमेंट अपने कामगारों की इन उचित मांगों को जल्द से जल्द पूरा करेंगे।
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