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नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड में अदालत ने सुरेंद्र कोली को फांसी व मोनिंदर सिंह पंधेर को सात साल कैद की सजा सुनाई



शफ़ी मोहम्मद सैफी दैनिक फ्यूचर लाईन टाईम्स ग्रेटर नोएडा संवाददाता


गौतमबुद्धनगर।नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के एक मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राकेश त्रिपाठी की अदालत ने बृहस्पतिवार को सुरेंद्र कोली को फांसी व मोनिंदर सिंह पंधेर को सात साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने सुरेंद्र कोली पर 62 हजार व मोनिंदर सिंह पंधेर पर चार हजार रुपये जुर्माना लगाया। सीबीआइ के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने बताया कि इस मामले में सीबीआइ की तरफ से कुल 83 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए।पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने सुरेंद्र कोली को हत्या, दुष्कर्म, साजिश रचने व साक्ष्य मिटाने व मोनिंदर सिंह पंधेर को अनैतिक देह व्यापार का दोषी मानते हुए सजा सुनाई। इस मामले में तीसरी आरोपित यूपी पुलिस की महिला सब-इंस्पेक्टर सिमरजीत कौर को भ्रष्टाचार व साक्ष्य मिटाने के आरोप से अदालत साक्ष्यों के अभाव में बरी कर चुकी है।
29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिंदर पंधेर और सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआइ को स्थानांतरित हो गया था। वर्ष 2007 में सीबीआइ ने आरोप पत्र पेश किया था। निठारी कांड में अभी तक सुरेंद्र कोली को 13 व माेनिंदर सिंह पंधेर को तीन मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है।

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