ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में रचनात्मक कला में श्रंखला के अंतर्गत बीएड छात्रों का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तत्वावधान में 28th मई को किया शानदार प्रदर्शन।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में अधिगम समग्र एकीकृत आनंददाई और रुचिकर बनाने हेतु रचनात्मकता एवं कलात्मकता को विकसित कराने के उद्देश्य से छात्रों का एक सराहनीय कदम। जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर एक से एक कलात्मकता का परिचय दिया। इसके अंतर्गत बीएड के छात्रों ने इस श्रृंखला के अंतर्गत 9 मई को शिक्षण सहायक सामग्री की परदशनी लगाकर सभी को हतप्रभ किया ताकि स्कूली शिक्षा को सहायक सामग्री द्वारा अधिक सशक्त और आकर्षक बनाया जा सके इसी श्रंखला की अगली कड़ी में बीएड के छात्रों ने कलात्मकता का प्रदर्शन करते हुए 23 मई को कला प्रदर्शनी सृजन का शुभारंभ कर सभी को रोमांचित किया।जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी शिरीष के अंतर्गत कला संबंधित शिक्षण को कक्षा प्रक्रिया में स्थान दिया जाए। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु शिक्षा में कला का क्या स्थान है से छात्रों को विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को परिचित कराया ।
इसी श्रंखला के अंतिम चरण में बीएड के छात्रों ने उमंग 2022 अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता सांस्कृतिक विविधता के अंतर्गत 25 मई को विभिन्न प्रतियोगिताओं का ऑनलाइन मोड पर आयोजन किया । जिसमें देशभर के अनेक विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए पोस्टर प्रतियोगिता एकल गायन प्रतियोगिता स्लोगन, प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया जिसका उद्देश्य था। संस्कृत विविधता के अंतर्गत छात्रों को भारतीय कला एवं संस्कृति के शिक्षण में समावेश से परिचित कराना एवं आलोचनात्मक चिंतन और समग्र ,खोज आधारित ,चर्चा आधारित, विश्लेषण आधारित अधिगम से परिचित कराना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन एवं उद्देश्य की पूर्ति हेतु गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का शिक्षा विभाग बहुत सजगता से अपनी भूमिका निभा रहा है ताकि छात्रों में परस्पर सहयोग स्वता पहल करना स्वयं निर्देशित होकर कार्य करना, स्वयं अनुशासन टीम, भावना, जिम्मेदारी आदि कौशल विकसित करने में सहायता हो सके। इस श्रंखला उमंग के उद्घाटन समारोह एवं पुरस्कार वितरण समारोह के अंतर्गत विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूल्स के डीन एवं विभगअध्यक्ष मौजूद रहे कार्यक्रम को अंतिम चरण में पहुंचाने हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप धनराशि एवं प्रशंसा पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया तथा इस प्रकार के कार्यक्रम यदि विश्वविद्यालय में होते रहे तो इससे न केवल छात्रों की सृजनात्मकता , कलात्मकता विकसित होगी वरन बौद्धिक क्षमता का भी विकास होगा। कुलपति महोदय ने छात्रों को इस तकनीकी युग में तकनीकी शिक्षा के साथ रचनात्मक चिंतन व क्रियात्मक चिंतन पर भी विचार करने पर बल दिया ताकि शिक्षा जगत में नए प्रतिमा स्थापित हो सके।इसके लिए उन्होंने डीन ऑफ ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंसेज डॉ. नीति राणा विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शनवल व अनेक विभिन्न शिक्षकों को बधाई दी l डॉक्टर नीति राणा डीन ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंसेज ने स्टूडेंट का उत्साहवर्धन किया और कार्यकर्म की सफलता पर सभी शिक्षकों को बधाई दी। अंत में कार्यक्रम की आयोजिका डॉक्टर श्रुति कंवर ने सभी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद किया ।
किसी भी कार्य की परिणिति के पीछे क्वेश्चन मार्गदर्शक का होना अत्यावश्यक है। इस श्रृंखला को सफल एवं मूर्त रूप प्रदान करने में हमारे विभाग के कुशल प्रशासक डॉ विनोद कुमार शनवाल शिक्षक आयोजीका डॉ श्रुति कुमार, डॉ अंजलि रतनम ,डॉ पूजा गुप्ता का अभूतपूर्व मार्गदर्शन था।
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