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बीकानेर जेल के कैदी फालुन दाफा अभ्यास से लाभान्वित



ऑनलाइन आयोजित किया गया ध्यान अभ्यास शिविर 
राशिद मलिक दैनिक फ्यूचर लाईन टाईम्स मुजफ्फरनगर संवाददाता
मुजफ्फरनगर फालुन दाफा (या फालुन गोंग) मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है, जिसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम सिखाये जाते हैं, किन्तु बल मन की साधना या नैतिकगुण साधना पर दिया जाता है। इसलिए यह हर उम्र और वर्ग के लोगों के लिए लाभदायक है। आज फालुन दाफा दुनिया भर में 100 से अधिक देशों में लोकप्रिय है। हमारे देश में भी हजारों लोग फालुन दाफा का अभ्यास कर रहे हैं। इसका परिचय अनेक स्कूलों, संस्थानों, पुलिस अकादमियों, कारागारों, आदि में किया गया है।जब राजस्थान पुलिस अधिकारियों को फालुन दाफा के स्वास्थ्य लाभ और नैतिक शिक्षाओं की 
जानकारी मिली, उन्होंने बीकानेर जेल के सभी 1600 कैदियों और पुलिस कर्मियों के लिए फालुन दाफा कार्यशाला ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय लिया। 
 
इन कार्यशालाओं के संचालक अर्चना और सुधीर को आरम्भ में इतने लोगों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन में संदेह था। लेकिन जेल अधिकारियों ने एक कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की जो पूरी तरह कारगर रही। अर्चना ने कहा, "मैं कोरोना काल में पिछले दो वर्षों से फालुन दाफा की ऑनलाइन कार्यशालाओं का संचालन कर रही हूँ, लेकिन जेल के कैदियों को सिखाना एक अनोखा अनुभव रहा।”ऑनलाइन सत्र प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से आरम्भ किये गए और दो सप्ताह तक चले। प्रत्येक सत्र में 100 से 150 कैदियों ने भाग लिया। उनमें सेना जैसा अनुशासन था और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाता था। सफेद कपड़े पहने सभी कैदियों में एक चमकदार आभा थी जो आध्यात्मिकता की भावना को दर्शा रही थी।”सत्र के बाद कुछ कैदियों ने कहा कि फालुन दाफा ध्यान ने उन्हें एक अलग तरह की ऊर्जा के साथ शांति का अनुभव दिया। फालुन दाफा अभ्यास के प्रशिक्षक युवराज भी कैदियों के अनुशासन से प्रभावित थे। उन्होंने कहा, "वे फालुन दाफा अभ्यासों को सीखने में लगन दिखा रहे थे और उनकी गतिक्रियाएँ बहुत अच्छी थीं।"एक विशेष सत्र महिला कैदियों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें महिला कैदियों ने उत्सुकता से भाग लिया और वे बहुत प्रसन्न दिखाई दीं। आखिरी सत्र जेल प्रशासन के पुलिस कर्मियों के लिए आयोजित किया गया। प्रशिक्षकों की ओर से जेल पुस्तकालय के लिए फालुन दाफा पुस्तकें और अन्य पाठन सामग्री भी भेजी गई। जेल अधीक्षक श्री अनंतेश्वर ऑनलाइन कक्षाओं के आयोजन और परिणामों से संतुष्ट थे और उन्होंने फालुन दाफा प्रशिक्षकों को धन्यवाद और आभार व्यक्त किया। चूंकि फालुन दाफा मन और शरीर का एक परिपूर्ण अभ्यास है, यह उन कैदियों के मन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जो जेल में अक्सर अवसाद, क्रोध और अपराधबोध की भावनाओं से गुजरते हैं। आशा है कि भविष्य में और भी जेलों के कैदी इस अनोखे अभ्यास द्वारा अपने नैतिक चरित्र और स्वास्थ्य में सुधार लायेंगे और जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे।
यदि आप भी इस अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.learnfalungong.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक जानकारी आप www.falundafaindia.org पर पा सकते हैं।

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