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ग्रेटर नोएडा स्कूल की जमीन पर पूर्व प्रधान ने कब्जा कर लगवाया बाजार, चार साल से फाइलों में दौड़ रहा प्राशासन


मनोज तोमर ब्यरो चीफ दैनिक फ्यूचर लाईन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर

 गौतमबुद्ध नगर में भूमाफिया सरकारी जमीन पर नजरें गड़ाकर बैठे हैं। मौका मिलते ही अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। अब एक बड़ा मामला ग्रेटर नोएडा के हल्दोनी गांव में सामने आया है। गांव के पूर्व प्रधान ने अपने परिवार और कुछ दूसरे लोगों के साथ मिलकर प्राइमरी पाठशाला की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस जमीन पर बाकायदा अवैध बाजार लगाया जा रहा है। टिनशेड डालकर अस्थाई दुकानें बना दी गई हैं। इनसे हर महीने लाखों रुपए किराया वसूल किया जा रहा है। इतना ही नहीं एसडीएम और तहसीलदार के आदेश इन लोगों के लिए बेमायने हैं। गांव वालों ने एक बार फिर जिला प्रशासन से शिकायत की है। प्राइमरी स्कूल की जमीन को माफिया के चंगुल से मुक्त करवाने की मांग की है।
 ग्रेटर नोएडा के हल्दोनी गांव में प्राइमरी पाठशाला ग्राम समाज की जमीन गाटा संख्या 684 और 746 पर बनी है। एडवोकेट राकेश नागर का कहना है, "भूमाफिया ने स्कूल की जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह भूमाफिया पूर्व प्रधान योगेंद्र, उसके भाई उमेश, मनोज और गजेंद्र हैं। इन लोगों ने प्राइमरी पाठशाला की जमीन पर अवैध कच्चा निर्माण कर लिया है। जिसमें 2 दुकान टिनशेड डालकर बनाई हैं। बड़ी संख्या में ठेली, पटरी और अवैध बाजार लगवा रखा है। जिससे लाखों रुपए किराया वसूल किया जा रहा है।"ग्रामीण ताहिर अली ने बताया, गांव में पूर्व में तैनात रहे पटवारी की मिलीभगत से इस करतूत को अंजाम दिया गया है। गरीब बच्चों का हक छीन लिया गया है। पूर्व प्रधान ने इस करतूत को अंजाम दिया है। प्राइमरी पाठशाला की जमीन को खाली कराया जाए। जिसमें प्राइमरी पाठशाला के पीछे बच्चे खेलकूद सकें। प्राइमरी पाठशाला की भूमि खसरा संख्या 684/746 हल्दोनी में है। यहां पूर्व दिशा में स्कूल बना है। पश्चिम दिशा में सरकारी स्कूल की खाली भूमि है, जो बच्चों के प्लेग्राउंड के लिए है। उस पर भूमाफिया का कब्जा है।"
 राकेश नागर ने बताया कि पूर्व प्रधान और उसके भाई सरकारी जमीन से लाखों रुपए महीना किराया वसूल रहे हैं। लोगों ने दिनांक 3 जुलाई 2018 को एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस बल के साथ मिलकर पटवारी ने जमीन खाली करवाई थी। इसके बाद 16 जुलाई 2019 को एक प्रार्थना पत्र तहसील दिवस में दिया गया। जिस पर 5 अगस्त 2019 को पटवारी ने रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में योगेंद्र आदि का अवैध निर्माण दिखाया गया है। 28 सितंबर 2019 को राजस्व विभाग की टीम गठित की गई। इसके बाद 26 फरवरी 2020 को जमीन खाली करवाने के लिए यह टीम गठित की गई। 4 सितंबर 2020 को फिर टीम का गठन किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गांव वालों ने 28 अक्टूबर 2020 को तहसील दिवस में एक और प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर 31 अक्टूबर 2020 को राजस्व टीम ने नई रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी और बताया कि योगेंद्र, उमेश, गजेंद्र और मनोज ने प्राइमरी पाठशाला की जमीन पर कब्जा कर रखा है। कुल मिलाकर दादरी तहसील के अधिकारी यह तो मानते हैं कि जमीन पर कब्जा है, लेकिन उसे हटाने की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। दादरी तहसील से मिली जानकारी के मुताबिक प्राइमरी पाठशाला की जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमे में आदेश पारित किया जा चुका है। इस मामले पर 29 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस पैसे की वसूली करने के लिए स्थानीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को आदेश दिए गए हैं। पटवारी की ओर से आरोपियों को रिकवरी का नोटिस दिया गया कि 7 दिनों के अंदर प्राइमरी पाठशाला से अवैध निर्माण हटा लिया जाए। आदेश का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाए ग्रामीण ताहिर अली का कहना है कि करीब 4 वर्षों से दादरी तहसील के अफसर कागज और फाइलों में ही दौड़ रहे हैं। जमीन पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है। दूसरी तरफ प्राइमरी पाठशाला की जमीन पर बदस्तूर भूमाफिया का कब्जा है। अवैध बाजार रोजाना लगता है। वहां काम करने वाले दुकानदारों से नियमित वसूली हो रही है। प्रशासनिक अधिकारी एक के बाद एक आदेश जारी कर रहे हैं। बार-बार टीम गठित कर रहे हैं, लेकिन कार्यवाही कुछ नहीं हो रही है। प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने हकों से वंचित हैं। गांव वाले परेशान हैं।

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