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भाजपा ने 6 राज्यसभा प्रत्याशी किए घोषित,सुरेंद्र सिंह नागर को दोबारा बनाया राज्यसभा प्रत्याशी।



उम्मीदवारों के जरिए सभी को साधने का प्रयास।

शफ़ी मोहम्मद सैफी दैनिक फ्यूचर लाईन टाईम्स ग्रेटर नोएडा संवाददाता



ग्रेटर नोएडा।भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के चुनावों में जो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, उससे न सिर्फ इलाकाई समीकरण सध रहे हैं बल्कि जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें कुछ नाम तो ऐसे भी हैं जिनको लंबे अरसे बाद न सिर्फ जिम्मेदारी दी गई है, बल्कि संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद इनाम के तौर पर राज्यसभा सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद भारतीय जनता पार्टी अभी दो प्रत्याशी और उतारेगी। हालांकि, वह नाम कौन-कौन से होंगे, उसे लेकर के अभी भी कयास बाजी चल रही है।भारतीय जनता पार्टी ने इस बार उत्तर प्रदेश से लक्ष्मीकांत वाजपेई को राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित किया है। वाजपेई की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश में 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश से जीत का इतिहास रचा था। उसके बाद से लेकर अब तक लक्ष्मीकांत वाजपेई रहे तो साइड में लेकिन तमाम जिम्मेदारियां जरूर संगठनात्मक तौर पर दी जाती रही। इसी तरह गोरखपुर सदर से योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले डॉक्टर राधामोहन अग्रवाल को राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित कर इनाम दिया है।पूर्वांचल से ही भारतीय जनता पार्टी ने संगीता यादव को टिकट देकर यादव समुदाय को साधने की कोशिश की है। संगीता यादव गोरखपुर की चोरी चोरा सीट से विधायक हुआ करती थी, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में यह सीट निषाद पार्टी के खाते में चली गई। भारतीय जनता पार्टी ने संगीता यादव को राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित कर इनाम दिया है। पश्चिम के बड़े नेता सुरेंद्र सिंह नागर ने एक बार फिर से भाजपा ने दांव लगाया है। राजनीति विशषज्ञों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी में नागर के नाम पर मोहर लगाकर पश्चिम की जातिगत समीकरणों को साधा है।
पूर्वांचल में जिस तरीके से संगीता यादव, दर्शना सिंह और राधा मोहन अग्रवाल से न सिर्फ जातिगत समीकरण साधे हैं, बल्कि बाबूराम निषाद के साथ भारतीय जनता पार्टी निषाद समुदाय में अपनी पकड़ बनाने के लिए एक और बड़ा दांव लगाया है। राजनीतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के सदस्य शिव प्रताप शुक्ला टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह पर ब्राम्हण प्रत्याशी लक्ष्मीकांत वाजपेई को आगे किया है। इस वजह से भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मणों को साध कर देने की कोशिश की है

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