ग्रेटर नोएडा। दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े भूमि घोटाले की जांच चल रही है वर्ष 1997 में जो भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे उन भूमि पट्टों को संक्रमणी करने में जिन अधिकारियों मिलीभगत थी उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। लेकिन उसी गांव में 1971 में जो भूमि पट्टे आवंटित किए गए थे और उन पट्टों को 2019 मे दादरी के तत्कालीन एसडीएम द्वारा नियम विरुद्ध दो फरवरी 2019 में संक्रमणीय कर दिया गया। यह कार्य जांच का विषय है। यह यह कहना है पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्याम सिंह भाटी एडवोकेट का उन्होंने प्रेस को जारी बयान में कहा है की जो भूमि पट्टे 1971 से 2018 तक संक्रमणी नहीं हो पाए तो 2019 में एसडीएम दादरी द्वारा किसके दबाव मे आकर यह पट्टे संक्रमणीय कर दिए गए। वहीं दूसरी तरफ किसी गांव में 1976 में भी कुछ आवासीय पट्टे आवंटित किए गए थे जिनका राजस्व में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इस जमीन पर लोगों द्वारा मकान बना लिए गए हैं लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों का इन पदों की तरफ आज तक भी ध्यान नहीं गया है। उन्होंने कहा कि जांच में कुछ लोगों को बचाने की कोशिश प्रशासन के द्वारा की जा रही है एक तरह के ही अपराध में दो तरह की जांच क्यों हो रही है, यह सबसे बड़ा महत्वपूर्ण सवाल है। श्याम सिंह भाटी का कहना है कि यदि जिला प्रशासन के अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करते हैं तो इस पूरे मामले की शिकायत उच्च स्तरीय अधिकारियों से की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
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