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अकिलपुर जहांगीर में बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं शिक्षक



 फ्यूचर लाईन टाईम्स  विकास सिसोदिया संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर : यूं तो शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार काफी प्रयास करती है लेकिन अध्यापक ही सरकार के प्रयासों को असफल बना देते हैं। वर्तमान में योगी सरकार भी शिक्षा को बेहतर बनाने के सभी तरीके आजमा रही है जिसके चलते आज यानी सोमवार से सर्व शिक्षा अभियान को हरी झंडी दिखाकर छात्रों में शिक्षा की अलख को जगाने का काम किया जाना है। विडंबना यह है कि बीजेपी से ही विधायक बने तेजपाल नागर के गांव अकिलपुर जागीर में शिक्षक सरकार के आदेशों पर कोई अमल करते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि सुबह 8:00 बजे शिक्षकों को स्कूल पहुंचना चाहिए लेकिन 9.00बजे तक भी शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे। प्राथमिक स्कूल के प्रांगण में बच्चे खेलते नजर आए और स्कूल के मुख्य भवन का ताला लगा हुआ था। यही कारण है कि अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को परिषदीय स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में पढ़ाना अधिक पसंद करते हैं। कारण यह है कि निजी स्कूलों में समय की पाबंदी के साथ अध्यापक कक्षा में पहुंच जाते हैं और शिक्षा देने में जीतोड़ मेहनत करते हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा गया है कि परिषदीय स्कूलों में अध्यापक लापरवाही बरतते हैं जिस कारण अधिकांश रूप से परिषदीय स्कूलों में केवल उन्हीं अभिभावकों के बच्चे पढ़ाई करते हुए दिखाई देते हैं जो अभिभावक निजी स्कूलों का खर्च नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन द्वारा अध्यापकों को सख्त निर्देश दिए जाएं ताकि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक भी समय के पाबंद बने और बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें। अध्यापकों के देर से आने की बात स्कूल में खेल रहे छात्र और छात्राओं से मालूम की, तो पता चला कि अधिकांश रूप से शिक्षक देर से ही स्कूल आते हैं।  जब तक शिक्षक स्कूल में नहीं आते तब तक बच्चे खेलते रहते हैं।

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