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दादरी तहसील में भ्रष्टाचार की जड़ें हुई गहरी भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ना नामुमकिन !

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
दादरी। भ्रष्टाचार का गढ़ बनी दादरी तहसील, दादरी तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है अनेक बार शिकायत की जांच पर दोषी पाए गए लेखपालों पर गिरी गाज के बावजूद भी लेखपाल एवं तहसील के अन्य कर्मचारीगण अधिकारीगण सबक सीखने को तैयार नहीं। दादरी उच्च पदों पर बैठे अधिकारी गण की आंखों के सामने! जिसका उदाहरण ‌‌दादरी सबरजिस्टार ऑफिस में भी भ्रष्टाचार फल फूल रहा है सब रजिस्टार दादरी कार्यालय के कंप्यूटर पर बैठे प्राईवेट कर्मचारी गण प्रत्येक रजिस्ट्री कर्ता व्यक्ति से अवैधवसूली की जा रही है। दादरी तहसील में खतौनी के नाम पर प्रत्येक खतौनी पर ₹5 अतिरिक्त वसूली की जा रही हैं वहीं दादरी तहसील के न्यायिक कार्यों की कार्रवाई के लिए प्रत्येक व्यक्ति से प्रत्येक वाद की नियत तिथि पर 50 से ₹100 अवैध उगाही की जा रही है। सस्ता न्याय की घोषणा केवल फाइलों में दबी हुआ रह गयी है। लेखपाल तहसील परिसर में ना बैठ कर लेखपालों कै सहायकों से अवैध उगाही का कार्य करवा रहे हैं । लेखपालों के तहसील परिसर में ना बैठने पर क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल नागर ने भी मुद्दा उठाया है। दादरी तहसील परिसर में तैनात लेखपालों पर दादरी विधायक तेजपाल नागर ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को जांच के लिए पत्र लिखा । आरोप है कि लेखपाल तहसील परिसर में अनुपस्थित रहते हैं और अपने सहायकों से जनता से अवैध वसूली कर रहे हैं लेखपालों का तहसील में बैठने का कोई दिन तय न होने से किसानों की कार्य नहीं हो रहै। लेखपालों द्वारा काम नहीं करने की वजह से कोरोना काल की आपदा में मृतक किसानों के नाम खतौनी में दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। विरासत अन्य कागजातों की ऑनलाइन अप्लाई पर लेखपालों की रिपोर्ट नहीं लग पा रही है। किसानों को आपसी विवाद जो सीमा तय करने की कार्यवाही नहीं हो पा रही है।  लेखपाल की अनुपस्थिति के कारण न्यायिक कार्यो में समय लग रहा है विधायक तेजपाल नागर ने कहा सरकार के आदेश अनुसार दाखिल खारिज 35 दिनों में ही होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा ऐसा जरूरी कि लेखपालों तहसीलदार में बैठाया जाए जिसका उपस्थिति रजिस्टर बनाया जाए उनका कार्य और समय सीमा पर न होने पर उनको दंडित किया जाए। विधायक तेजपाल नागर द्वारा जिलाधकारी को लिखे पत्र से ऐसा प्रतीत होता है दादरी तहसील के कोने कोने में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो गई है जिन्होंने एक विराट वृक्ष का रूप धारण कर लिया है। भ्रष्टाचार के इस विराट वृक्ष को उखाड़ पाना नामुमकिन प्रतीत हो रहा है ! 

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