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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने CAFRI, झांसी के साथ समझौता ज्ञापन किया निष्पादित।

मनोज तोमर ब्यूरो चीफ फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय  ने भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के- केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान (CAFRI), झांसी के साथ समझौता ज्ञापन निष्पादित किया।
ग्रेटर नोएडा।  दिनाँक 10 मार्च, 2022 को, " शैक्षणिक-अनुसंधान पहल" के अंतर्गत, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू), ग्रेटर नोएडा और आईसीएआर - केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान (सीएएफआरआई), झांसी, उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन  निष्पादित किया गया ।
इस सहयोग से  एकीकृत भूमि उपयोग, मिट्टी और जल संरक्षण के लिए कृषि वानिकी, जैव विविधता संवर्धन, सतत विकास और आजीविका संवर्धन के लिए पर्यावरणीय स्थिरता, आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण, क्षमता विकास, और ज्ञान प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
इस समझौते के अंतर्गत, दोनों संस्थानों ने  शैक्षिक गतिविधियों, परियोजना कार्यों, इंटर्नशिप, क्षमता विकास कार्यक्रमों, नई शोध पहल, पर्यावरण विज्ञान और संबंधित शैक्षणिक धाराओं के शिक्षार्थियों को रोजगार सुनिश्चित कराने हेतु अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की है।  इस पहल से  परास्नातक तथा डॉक्टरेट स्तरों पर अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, और अभिनव वास्तविक जीवन उन्मुख कक्षा-आधारित और दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल-आधारित शिक्षा का भी विकास होगा।
ऑनलाइन एमओयू निष्पादन बैठक की अध्यक्षता जीबीयू के माननीय कुलपति प्रो रवींद्र कुमार सिन्हा जी ने की। जी बी यू के कुलसचिव, डॉ. विश्वास त्रिपाठी, विभिन्न स्कूलों के अधिष्ठाता , प्रभारी अधिष्ठाता, अधिष्ठाता अकादमिक तथा नियोजन एवं अनुसन्धान, केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. ए अरुणाचलम और अन्य सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।
जीबीयू के रजिस्ट्रार डॉ विश्वास त्रिपाठी ने भाग लेने वाले सदस्यों का स्वागत किया। अधिष्ठाता, अकादमिक और अधिष्ठाता नियोजन एवं अनुसन्धान, प्रो एन पी मेलकानिया ने समझौता ज्ञापन समिति के सदस्यों का परिचय कराया । जीबीयू के माननीय कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा जी ने अपने ज्ञानपूर्ण वक्तव्य  में अकादमिक और राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थानों के बीच एक कार्यात्मक वास्तविकता के रूप में साझेदारी विकसित करने  पर जोर दिया ताकि पर्यावरण विज्ञान, कृषि वानिकी और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के क्षेत्र में अकादमिक और अनुसंधान बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन को मजबूत किया जा सके।  साथ ही और वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए उपयुक्त मानव संसाधन को तैयार किया जा  सके। उन्होंने भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान को विश्वविद्यालय  के अनुसंधान केंद्र के रूप में मान्यता देने का भी सुझाव दिया।
जी बी यू  की ओर से कुलसचिव  डॉ. विश्वास त्रिपाठी और भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् - केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान की ओर से CAFRI के निदेशक डॉ. ए अरुणाचलम ने MoU पर हस्ताक्षर किए। डॉ अरुणाचलम ने प्राकृतिक संसाधन संरक्षण, खराब पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली, पर्यावरणीय स्थिरता, गरीबी उन्मूलन, और मौसम की अनिश्चितताओं के जोखिम को कम करने में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान की गतिविधियों और योगदान पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने दोनों पक्षों  से अपनी अपेक्षाओं को साझा किया और गतिविधियों के लिए समर्थन का आश्वासन दिया। जीबीयू के कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा जी के नेतृत्व में "एकेडमिया-रिसर्च इनिशिएटिव" को सभी सदस्यों ने एक स्वर में स्वीकार किया। यह जीबीयू द्वारा निष्पादित 22वां समझौता ज्ञापन है, और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के आईसीएआर संस्थान के साथ पहला समझौता ज्ञापन है।  
प्रो. एन.पी. मेलकानिया ने अपनी समापन टिप्पणी में माननीय कुलपति, रजिस्ट्रार, निदेशक- केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, अधिष्ठातागणो और अन्य सभी भाग लेने वाले सदस्यों के सम्मान में कृतज्ञतापूर्वक धन्यवाद दिया।

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