फ्यूचर लाईन टाईम्स मनोज तोमर ब्यरो चीफ गौतम बुद्ध नगर
गौतम बुद्ध नगर “साहित्य समाज एवं राजनीति के संदर्भ में गांधी का पुनरावलोकन“ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बादलपुर में हिंदी विभाग के सौजन्य से उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के अनुदान अंतर्गत किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला जी के द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो0 वाई0 विमला ने अपनी उपस्थिति से संगोष्ठी को सार्थक बनाया। अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि डॉ0 शुक्ला ने शिक्षा जगत से संबंधित बुद्धिजीवियों, छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों का आह्वान किया कि वे नई शिक्षा नीति में विद्यमान गांधीवादी विचार- कौशल युक्त, श्रमयुक्त व्यवहारिक शिक्षा के कार्यक्रम को अदम्य उत्साह के साथ लागू करने में संलग्न हो। प्रोफ़ेसर वाई0 विमला ने समाज में गांधीवादी मूल्यों का अनुसरण करने वाले व्यक्तियों को पहचान कर, उन्हें प्रोत्साहित कर समाज और राष्ट्र के हित में उनके पलायन को रोकने की अपील की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ0 दिव्या नाथ नेे महाविद्यालय की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने की महाविद्यालय की परंपरा को सम्मुख रखा एवं गांधी वादी चिंतन पर आधारित महाविद्यालय की प्रथम संगोष्ठी की ओर ध्यान आकर्षित किया। संगोष्ठी विशेषज्ञ और तकनीकी सत्रों से युक्त थी, जिसमें विषय के मुख्य वक्ता के रूप में हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामेश्वर राय ने वैश्विक जगत में छाए पर्यावरण दोहन, उपभोक्तावाद एवं हिंसा के संकट को एक मनोवैज्ञानिक संकट के रूप में प्रस्तुत किया और उनका समाधान गांधीवादी विचार तथा कार्य पद्धति में ढूंढने पर बल दिया। उपभोक्तावाद के अंधकार में डूबी मानव सभ्यता को गांधी रूपी सर्च लाइट से प्रकाशित किया जा सकता है, ऐसे विचार प्रोफ़ेसर राय ने प्रकट किए। विशेषज्ञ सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं शिक्षाविद श्री अरुण कुमार त्रिपाठी ने की। अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री त्रिपाठी जी ने गांधी के जीवन और विचारों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रभावी ढंग से प्रकाश डाला एवं कहा कि गांधी हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे और समाज में एक बड़ी संख्या में लोगों के मन मस्तिष्क में रासायनिक परिवर्तन करते रहेंगे। अतिथि वक्ता के रूप में डॉ0 विमलेन्दु तीर्थंकर, दिनेश श्रीनेत तथा डॉ0 के. के. शर्मा ने गांधी की समाज, साहित्य एवं इतिहास में प्रभावी उपस्थिति का उल्लेख किया। तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता डॉ0 डी.एन. शर्मा सेवानिवृत्त सेवानिवृत्त प्राचार्य, डी.एन. कॉलेज एवं डॉ0 इंदु कुमारी के द्वारा की गई। अन्य अतिथि वक्ताओं के रूप में प्रोफेसर आराधना, डॉ0 पूनम सिंह डॉ0 परितोष कुमार मणि डॉ0 शशि प्रभा त्यागी डॉ0 बीना शर्मा ने अपने वक्तव्य से सहभागियों को लाभान्वित किया। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ0 रश्मि कुमारी, डॉ0 श्वेता, डॉ0 दीप्ति बाजपेई एवं डॉ0 निधि रायजादा के द्वारा किया गया। बड़ी संख्या में शिक्षाविदों, शोधार्थियों एवं छात्र छात्राओं द्वारा संगोष्ठी में प्रतिभागिता की गई तथा शोध पत्रों के माध्यम से व्यापक विचार मंथन किया गया। संगोष्ठी के समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ0 राज नारायण शुक्ला, अध्यक्ष, भाषा संस्थान, लखनऊ द्वारा की गई।आयोजन सचिव डॉ जीत सिंह द्वारा सेमिनार की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 मिन्तु बंसल एवं आयोजन सचिव श्री नीरज कुमार द्वारा किया गया। रिपोर्टर के रूप में डॉ0 मिन्तु, डॉ0 शिवानी वर्मा, डॉ0 विजेता गौतम एवं डॉ भावना यादव के द्वारा कार्य किया गया। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों एवं कर्मचारी वर्ग का अपेक्षित सहयोग संगोष्ठी में सतत रूप से बना रहा ।
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