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यूक्रेन से घर लौटे छात्र हर्ष गोयल ने बयां की खौफनाक मंजर की कहानी



कहा- जब भी बमबारी होती थी तो लगता था अब नहीं बच पाऊंगा
फ्यूचर लाईन टाईम्स डीपी सिंह बैंसला संवाददाता शामली
शामली /बुढ़ाना पिछले कई दिनों से रूस के द्वारा यूक्रेन पर लगातार हमला किया जा रहा है. इस हमले में 2000 के लगभग यूक्रेन के रहने वालों की मौत हो चुकी है वहां के हालात इतने भयानक है कि बताने में भी रूह कांप जाती है
पिछले कई दिनों से न तो खाने की कोई व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की थोड़ी-थोड़ी चीजों में ही गुजारा करना पड़ रहा है एक बोतल पानी से पूरे दिन गुजारा करना पड़ रहा है 6 घंटे एटीएम की लाइन में लगकर रुपए निकालने के बाद भी समान खरीदने के लिए भी लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था सायरन बजने के बाद तुरंत बनकारो में भागना पड़ता था और खोफ का मंजर बना रहता था मे अपनी बिल्डिंग से मिसाइल गिरते देख मौत नजर आने लगती थी हर्ष गोयल अपनी कहानी बताते हुए कहां के हम 8 घंटे तक बस का सफर कर रोमानिया बॉर्डर पहुंचे जहां पर हमको बॉर्डर क्रॉस करने में छह 7 घंटे लग गए उसके बाद रोमानिया मैं शेल्टर हाउस में जाकर राहत की सांस ली जहां से  इंडियन एंबेसी के द्वारा मंसूर अहमद को यूनिवर्सिटी एजेंट बनाया गया जिसकी मदद से छात्रों का अपने वतन लौटना आसान हो गया ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत जारी है. रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से फ्लाइट AI1942 दिल्ली बीती रात 12 बजकर 15 मिनट पर लैंड हुई थी जिसमें करीब 420 भारतीय छात्र मौजूद थे. दिल्ली एयरपोर्ट पर आकर भारतीय छात्रों ने राहत की सांस ली तो वहीं उनका इंतजार कर रहे माता-पिता बेहद भावुक होते दिखे. ग्राम चंधेड़ी से सामाजिक कार्यकर्ता डीपी सिंह बैंसला भी हर्ष गोयल से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे
उनके परिवार से दादी कुसुम गोयल अनुज गोयल,अलका गोयल,आकर्ष गोयल मुस्कान गोयल निशा गर्ग, विनोद गर्ग, आदि लोग मोजूद रहे

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