मनोज तोमर ब्यूरो चीफ फ्यूचर लाइन टाईम्स गौतम बुद्ध नगर।
एक छत के नीचे मिला देश के 18 प्रदेशों का स्वाद।नोएडा। सरस आजीविका मेले में रविवार को भारी भीड़ उमड़ी। छुट्टी के दिन लोगों ने परिवार के साथ मेले का आनंद लिया। एक और जहां विभिन्न प्रदेशों के स्टाल आकर्षण का केंद्र रहे वहीं दूसरी ओर फूड कोर्ट मैं भी लोगों ने विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों का स्वाद चखा। विशेष तौर से पंजाब हरियाणा राजस्थान के व्यंजनों पर लोगों की भीड़ लगी रही।
केरल कोच्चि का जूस कॉर्नर यह ट्रांसजेंडर ग्रुप का केरला कोच्चि का जूस कॉर्नर प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस जूस कॉर्नर में विभिन्न प्रकार के फल व हर्बल जूस उपलब्ध हैं साथ ही इस ग्रुप को चलाने वाले समूह मैं सभी ट्रांसजेंडर है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रयास व सहयोग और केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत ट्रांसजेंडर ग्रुप ने सभी सदस्यों को स्वावलंबी बनाने में सहयोग दिया है 4 वर्षों से कोच्चि कलेक्ट्रेट मे भी एक जूस कॉर्नर सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। यहां 60 प्रकार के जूस उपलब्ध यह। सरस आजीविका मेले में व्यंजनों के साथ फूड कोर्ट में केरला कोच्चि जूस कॉर्नर लोगों की पहली पसंद बना हुआ है वही अरुणाचल प्रदेश की बंबू ( बांस )खिचड़ी को भी लोगों ने खासा पसंद किया
इस साल, यह आयोजन 100 से अधिक खाद्य सेवा महिला उद्यमियों को एक साथ लाया है, जो 18 राज्यों के हैं, जो जनता के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर अपनी पारंपरिक खाद्य संस्कृति को साझा कर रहे हैंे। सबसे अधिक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली ये महिला समूह पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं जिन्होंने आजीविका इंडिया फूड कोट इंडिया ऑन योर प्लेट के नारे को और अधिक अर्थ देते हुए कार्यक्रम में भाग लेने में रुचि और उत्साह दिखाया है। कोविड 19 महामारी अधिकांश उद्यमों के लिए एक चुनौतीपूर्ण अवधि साबित हुई है और यह मंच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने कौशल का प्रदर्शन करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है। इस आयोजन में भारी भीड़ को आकर्षित करने की उम्मीद है क्योंकि यह देश के कुछ सबसे लोकप्रिय व्यंजन परोस। गोल गप्पे जैसे स्ट्रीट पसंदीदा से, विभिन्न प्रकार के चाट कबाब से लेकर पारंपरिक व्यंजनों जैसे लिट्टी चोखा मखाना खीर, जलेबी रबड़ी (बिहार), मोमोज, वाचिपा (सिक्किम) चिकन मटका बिरयानी, बांस चिकन, स्थानीय व्यंजन चिकन चंपाई, खोमो टोंगटेप, स्मोक्ड चिकन और मछली (अरुणाचल प्रदेश) बिरयानी, पोथेरेकुलु और सुन्नंदालु (आंध्र प्रदेश) हैदराबादी दम बिरयानी (तेलंगाना) जैसी मिठाइयाँ, मशरूम पिठा और मशरूम कुकीज जैसे नए फ्यूजन व्यंजन के साथ-साथ मशरूम करी (असम), बांस चावल, मक्के के साथ स्टीम्ड स्टिकी चावल दी रोटी और सरसों का साग (पंजाब) और जातीय व्यंजन जैसे थालास्सेरी हनी ग्रेप जूस, नन्नारी मिल्क सर्बेट, मालाबार स्पेशल चट्टीपठारी, मुट्टासुरका, थाटिलकुट्टी डोसा, कप्पा और फिश करी, चिकन मंडी (केरल) और चौसेला और अन्नानाज जलेबी (छ.ग.) मलाई और वापा इलिश, वेतकी पाथूरी (पश्चिम बंगाल) अरसा सावचियार, हमार बाई, चाव सतुई लेह (मिजोरम) क्लासिक्स जैसे आलू पराठा, वेज थाली, आलू टिक्की समोसा, गुलाब जामुन , छोले भटूरे (उत्तर प्रदेश) दाल बाटी चूरमा, केर सांगरी की सब्जी, प्याज कचौरी, मूंग दाल का हलवा (राजस्थान) नीरडोसा, केले के साथ शाविगे रसायन, मैसूर मसाला डोसा, (कर्नाटक) मछली, चिकन और मटन थाली और सोल कडी (महाराष्ट्र) ) सत्रह दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पुली पीठी, पार्टी शप्त, मूंग दाल का पुली, मल पुआ (त्रिपुरा) परोसा जा रहा है।
केरल कोच्चि का जूस कॉर्नर यह ट्रांसजेंडर ग्रुप का केरला कोच्चि का जूस कॉर्नर प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस जूस कॉर्नर में विभिन्न प्रकार के फल व हर्बल जूस उपलब्ध हैं साथ ही इस ग्रुप को चलाने वाले समूह मैं सभी ट्रांसजेंडर है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रयास व सहयोग और केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत ट्रांसजेंडर ग्रुप ने सभी सदस्यों को स्वावलंबी बनाने में सहयोग दिया है 4 वर्षों से कोच्चि कलेक्ट्रेट मे भी एक जूस कॉर्नर सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। यहां 60 प्रकार के जूस उपलब्ध यह। सरस आजीविका मेले में व्यंजनों के साथ फूड कोर्ट में केरला कोच्चि जूस कॉर्नर लोगों की पहली पसंद बना हुआ है वही अरुणाचल प्रदेश की बंबू ( बांस )खिचड़ी को भी लोगों ने खासा पसंद किया
इस साल, यह आयोजन 100 से अधिक खाद्य सेवा महिला उद्यमियों को एक साथ लाया है, जो 18 राज्यों के हैं, जो जनता के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर अपनी पारंपरिक खाद्य संस्कृति को साझा कर रहे हैंे। सबसे अधिक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली ये महिला समूह पहली पीढ़ी के उद्यमी हैं जिन्होंने आजीविका इंडिया फूड कोट इंडिया ऑन योर प्लेट के नारे को और अधिक अर्थ देते हुए कार्यक्रम में भाग लेने में रुचि और उत्साह दिखाया है। कोविड 19 महामारी अधिकांश उद्यमों के लिए एक चुनौतीपूर्ण अवधि साबित हुई है और यह मंच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने कौशल का प्रदर्शन करने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है। इस आयोजन में भारी भीड़ को आकर्षित करने की उम्मीद है क्योंकि यह देश के कुछ सबसे लोकप्रिय व्यंजन परोस। गोल गप्पे जैसे स्ट्रीट पसंदीदा से, विभिन्न प्रकार के चाट कबाब से लेकर पारंपरिक व्यंजनों जैसे लिट्टी चोखा मखाना खीर, जलेबी रबड़ी (बिहार), मोमोज, वाचिपा (सिक्किम) चिकन मटका बिरयानी, बांस चिकन, स्थानीय व्यंजन चिकन चंपाई, खोमो टोंगटेप, स्मोक्ड चिकन और मछली (अरुणाचल प्रदेश) बिरयानी, पोथेरेकुलु और सुन्नंदालु (आंध्र प्रदेश) हैदराबादी दम बिरयानी (तेलंगाना) जैसी मिठाइयाँ, मशरूम पिठा और मशरूम कुकीज जैसे नए फ्यूजन व्यंजन के साथ-साथ मशरूम करी (असम), बांस चावल, मक्के के साथ स्टीम्ड स्टिकी चावल दी रोटी और सरसों का साग (पंजाब) और जातीय व्यंजन जैसे थालास्सेरी हनी ग्रेप जूस, नन्नारी मिल्क सर्बेट, मालाबार स्पेशल चट्टीपठारी, मुट्टासुरका, थाटिलकुट्टी डोसा, कप्पा और फिश करी, चिकन मंडी (केरल) और चौसेला और अन्नानाज जलेबी (छ.ग.) मलाई और वापा इलिश, वेतकी पाथूरी (पश्चिम बंगाल) अरसा सावचियार, हमार बाई, चाव सतुई लेह (मिजोरम) क्लासिक्स जैसे आलू पराठा, वेज थाली, आलू टिक्की समोसा, गुलाब जामुन , छोले भटूरे (उत्तर प्रदेश) दाल बाटी चूरमा, केर सांगरी की सब्जी, प्याज कचौरी, मूंग दाल का हलवा (राजस्थान) नीरडोसा, केले के साथ शाविगे रसायन, मैसूर मसाला डोसा, (कर्नाटक) मछली, चिकन और मटन थाली और सोल कडी (महाराष्ट्र) ) सत्रह दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पुली पीठी, पार्टी शप्त, मूंग दाल का पुली, मल पुआ (त्रिपुरा) परोसा जा रहा है।
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