नोएडा। 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव आ चुके हैं। विधानसभा प्रत्याशी बनने के लिए प्रत्येक पार्टी में अदला-बदली की दोड मची हुई है। दल बदलू नेताओं का नॉमिनेशन के बाद कमसा नजर नहीं आ रहा है। प्रत्येक पार्टी का प्रत्याशी नॉमिनेशन करके जाने वाला प्रत्याशी घोषणा पत्र के साथ क्षेत्र में वोट की धुहाई मांग रहे हैं अलग-अलग हथकंडे अपनाए जा रहे हैं ऐसा लगता है प्रत्येक पार्टी का प्रत्येक प्रत्याशी आसमान से आया हो। क्षेत्र की समस्या केवल चुनावों के समय में ही दिखाई दे रही है यह समस्याएं ना तो पहले दिखाई देती है ना चुनाव होने के बाद दिखाई देती है जिले का दुर्भाग्य है शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार के क्षेत्र में आमजन के साथ व्यापारी वर्ग के द्वारा शोषण किया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बाद भी जिले में प्रत्येक निजी विद्यालय बच्चों का एडमिशन भी नहीं लेते दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल्स के द्वारा मनमानी तरीके से डॉक्टरों एवं प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा क्षेत्र के निवासियों से लूट मचाई जा रही है और रोजगार के नाम पर जिले से 200 किलोमीटर दूर व्यक्तियों के लिए ही एंप्लोई अप्लाई के लिए सार्थक कैंडिडेट कंपनी द्वारा माने जा रहे हैं। एक तरफ जहां तीनों प्राधिकरण ने क्षेत्र में लूट मचा रखी है विद्यालय एवं हॉस्पिटलों के लिए दी गई कौड़ियों के भाव जमीन पर जो विद्यालय एवं हॉस्पिटलों का कर्तव्य होना चाहिए वह कोई भी संस्था एवं लोकल नेता नहीं निभा पा रहे हैं। प्राधिकरण भी आंख पर ठेकरी धर कर बैठ जाता है शिकायत करने के उपरांत भी कोई कार्यवाही नहीं होती। गौतम बुध नगर में विधानसभा प्रत्याशी में से तीन ही विधायक बनेंगे लेकिन बाकी के विधायक प्रत्याशी और बने विधायक क्या इन मुद्दों पर आगे की चुनावी तैयारी करेंगे या चुनावों के बाद भी इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे या ये सभी प्रभावी मुद्दे ठंडे बस्ते में 5 साल के लिए डाल दिए जाएंगे!
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