गौतम बुध नगर( आचार्य कुलदीप शर्मा )पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को सकट चौथ कहा जाता है.सकट चौथ का दूसरा नाम लंबोदर संकष्टी चतुर्थी है. ज्योतिषाचार्य पंडित कुलदीप शर्मा का मानना है कि इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने और व्रत रखने से सभी संकटों का नाश होता है. परिवार और संतान की रक्षा के लिए सकट चौथ का व्रत हर साल रखा जाता है. सकट चौथ के दिन गणेश जी को दूर्वा और मोदक अर्पित किया जाता है. गणेश स्तुति, गणेश चालीसा का पाठ और सकट चौथ की व्रत कथा का पाठ किया जाता है. उसके बाद गणेश जी की आरती की जाती है. सकट चौथ के दिन चंद्रमा का दर्शन कर जल अर्पित करते हैं. आइए जानते हैं कि इस साल सकट चौथ कब है, पूजा का मुहूर्त :-हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 21 जनवरी 2022 को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 22 जनवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है. इस दिन चंद्रमा का दर्शन चतुर्थी तिथि में 21 जनवरी 2022 को ही संभव है, इसलिए सकट चौथ का व्रत 21 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा.सकट चौथ की रात 09 बजे चंद्रमा का उदय होगा. जो लोग सकट चौथ का व्रत रखेंगे, उनको रात 09 बजे चंद्रमा को जल अर्पित करके पूजा करना है और उसके बाद ही पारण करना है. चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही सकट चौथ का व्रत पूर्ण माना जाता है.सकट चौथ का व्रत माताएं करती हैं. वे अपने बच्चे और परिवार की सुरक्षा के लिए यह व्रत रखती है ,
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