फ्यूचर लाइन टाईम्स की रिपोर्ट।
राजस्थान। स्कूल एवम् कॉलेज में विद्यार्थियों का साइबर क्राइम से बचने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग मिले एवम साइबर क्राइम से स्टूडेंट्स को सावधान रहना जरूरी -सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई।
जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, डॉक्टर सुभाष सरकार, डॉक्टर राजकुमार रंजन सिंह एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को साइबर क्राइम शिक्षा को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल कर साइबर क्राइम पर रोक लगाने एवं विद्यार्थियों को जागरूक करने के संबंध में ट्विटर एवं मेल द्वारा एक पत्र लिखकर मांग की है। रवि शंकर धाभाई ने बताया कि वर्तमान दौर में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल देना अभिभावकों की मजबूरी है । इस कारण से साइबर सुरक्षा व शिक्षा की ज्यादा महसूस की जा रही है । विद्यार्थियों को अच्छे - बुरे का ज्ञान नहीं होता है और इसी अज्ञानता के चलते कई बार वे साइबर क्राइम के जाल में फंस जाते हैं ।
समाजसेवी रवि शंकर धाभाई ने विस्तार से साइबर क्राइम के बारे में बताया जिसमें साइबर बुलिंग : इसमें इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके घटिया , तकलीफदेह संदेश या ईमेल भेजकर जानबूझकर तंग करना । साइवर ग्रूमिंग हैकर फर्जी अकाउंट बनाकर बच्चों को फंसाते हैं । शोषण के उद्देश्य से विद्यार्थियों को लालच दे भावनात्मक संबंध बनाना साइबर स्टॉकिंग : इसका मतलब इलेक्ट्रॉनिक साधनों द्वारा किसी व्यक्ति पर निगरानी रखना । एक बच्चे की साइबर स्टॉकिंग उसका यौन उत्पीड़न करने के इरादों से की जाती है । उच्च शिक्षा में साइवर क्राइम व साइबर कानून से जुड़ा अध्ययन तो होता है , लेकिन अब स्कूली स्तर के पाठ्यक्रम में भी इन विषयों की पढ़ाई जरूरी है । स्कूलों में चुनोती बन रहे साइवर बुलिंग के कारण सरकार व सीबीएसई को इस तरह के कोर्सेज शुरू करने की सिफारिश भी की है । यदि सिफारिश को क्रियान्वित करने का प्रयास शुरू हो तो स्कूल में ही इन विषयों की पढ़ाई शुरू हो सकती है ।
सामाजिक कार्यकर्ता रवि शंकर धाभाई ने आगे बताया कि साइबर क्राइम प्रतिदिन हो रहा है और वर्तमान में साइबर क्राइम के आंकड़े बढ़ रहे हैं । सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते चलन व दिखावे की प्रवृति के कारण बच्चों में सोशल मीडिया का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है । खासकर बच्चे साइबर बुलिंग व साइबर क्राइम का शिकार बन रहे हैं । अभिभावकों ने होड़ में स्मार्ट फोन देने शुरू किए हैं । ऐसे में स्कूली स्तर पर भी बच्चों के लिए जागरूकता जरूरी है । इसके लिए साइबर लॉ व साइबर क्राइम विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए सरकार व सीबीएसई को शिक्षा के माध्यम से ही जागरूकता को बढ़ाया जा सकता है । हालांकि स्कूली स्तर पर विषय शुरू होने के साथ - साथ अभिभावकों की ज्यादा जिम्मेदारी है । मोबाइल के जरिये क्राइम काफी बढ़ रहा है । स्कूली स्तर पर साइबर क्राइम से जुड़े विषय होने चाहिए । तकनीक तो आ गई , लेकिन उसके इस्तेमाल की शिक्षा दी नहीं । जागरूकता ही साइवर क्राइम से बचाव , क्रेडिट कार्ड से निकासी की सीमा रखें । मार्गदर्शन में साइबर लैब और एंटी हैकिंग पर वेबिनार का आयोजन समय समय होना चाहिए । इसका उद्देश्य ऑनलाइन पढ़ाई के समय में विद्यार्थियों और शिक्षकों को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करना । समय समय पर साईबर क्राइम पर पाठशाला या कार्यशाला का आयोजन कर विद्यार्थियों को जागरुक कर साइबर क्राइम के बारे में बताया जाना चाहिए कि वर्तमान में इंटरनेट का बहुत सावधानी से प्रयोग करना चाहिए , क्योंकि बैंकिंग , रेलवे टिकट , यूपीआई , ईमेल , व्हाट्सएप , फेसबुक में साइबर अपराध सबसे ज्यादा हैं , जिसमें नवयुवक इसके शिकार हो रहे हैं । मोबाइल पर ठगों द्वारा कई प्रकार के प्रलोभन जैसे लॉटरी , रोजगार , गिफ्ट , गेम , इत्यादि के द्वारा आपके एटीएम का पासवर्ड नेटबैंकिंग का पासवर्ड आदि प्राप्त करके आपके साथ ठगी कर लेते हैं । अपनी पासवर्ड आदि किसी से साझा न करें और ऐसी फर्जी कॉल से सावधान रहें । विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के लिए साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाया इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को मोबाइल , सोशल मीडिया एवं इंटरनेट का प्रयोग करते समय किन किन सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए ।
रवि शंकर धाभाई
मोबाइल 9928667992, 9314630044, 9982139666
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