दिल्ली / बाम्बे। अरुण नागर का जन्म ‘ज़िला ग़ाज़ियाबाद’ (अब गौतमबुद्ध नगर) के तहसील ‘दादरी’ के गाँव ‘दुजाना’ में 2 अगस्त 1982 में हुआ था । उन्होंने आरम्भिक शिक्षा गाँव में ही प्राप्त की थी ।
फिल्म निर्देशक अरुण नागर द्वारा निर्देशित फ़िल्म “रिस्कनामा” को शनिवार, दिनांक 25 December 2021 को “भारत इंटर्नैशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल” में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के अवार्ड से नवाज़ा गया ।
फ़िल्म “रिस्कनामा” को दो अवार्ड हासिल हुए, जिनमे Best Film Award और Best Cinematographer के अवार्ड शामिल है । दर्शकों को बताना चाहेंगे कि अरुण नागर हमेशा सामाजिक मुद्दों से जुड़ी फिल्में ही बनाते है। फ़िल्म “रिस्कनामा” में शराब व खाप पंचायत जैसे गम्भीर मुद्दों को एक कुरीति के रूप में दर्शाया गया है, साथ ही यह भी बताया गया है कि किस तरह से शराब एक हंसते-खेलते परिवार को नष्ट कर देती है । खाप पंचायत से सम्बंधित मुद्दों पर इस फ़िल्म में दर्शाया गया है कि किसी पंच या सरपंच को किसी की जान लेने का कोई अधिकार नही है। यह देश एक लोकतांत्रिक देश है, जिसे संवैधानिक तरीक़े से ही चलाया जा सकता है, इस देश में किसी भी इंसान या पदाधिकारी के हिटलरनुमा (अंधे) क़ानूनों के लिए कोई स्थान नही है ।
यह अवार्ड हासिल करने के बाद निर्देशक अरुण नागर बहुत ही खुश है और उन्होंने कहा है कि भविष्य में भी वह सामाजिक मुद्दों पर ही फ़िल्मों का निर्माण करते रहेंगे और समाज में एक नवचेतना का प्रसार करते रहेंगे । उन्होंने अपने दर्शकों का भी आभार जताया है कि दर्शक उन्हें दिल से चाहते है और हमेशा उनकी फ़िल्मों का बेसब्री से इंतेज़ार करते है। अरुण नागर अभी मुंबई में अपनी आगामी फ़िल्म बल्ली वर्सेज़ बिरजु के पोस्ट प्रोडक्शन में व्यस्त है। इस फ़िल्म में वरिष्ठ अभिनेता किरण कुमार, रज़ा मुराद, राजू खेर व नवोदित कलाकार नंदेश गुर्जर अपने अभिनय का जलवा बिखेरते नज़र आएँगे।
फ़िल्म “बल्ली वर्सेज़ बिरजु” दहेज़ प्रथा जैसे सामाजिक मुद्दे पर बनाई गयी एक बहुत ही इमोशनल फ़िल्म है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगी कि आज़ादी के 70 गुजर जाने के बाद भी आज भी हमारे समाज में बहूँ-बेटियों को दहेज़ के लालच में प्रताड़ित किया जाता है। साथ ही अरुण नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी फ़िल्म “रिस्कनामा” का दूसरा भाग भी कम्प्लीट हो चुका है, जिसमें अविनाश वधावन ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह फ़िल्म स्कूल-कॉलेज में स्टूडेंट्स के द्वारा लिए जाने वाले ड्रग्स जैसे पदार्थों के सेवन को लेकर बनाई गयी है। यह फ़िल्म भी एक गम्भीर विषय पर बनाई गयी है, जो समाज में एक संदेश छोड़ कर जाएगी । बॉलीवुड में जब भी सामाजिक मुद्दों से जुड़ी फ़िल्मों की बात की जाती है, तो अरुण नागर का नाम ज़रूर याद किया जाता है। समाज में फैली हुई कुरितियों को दूर करने के उद्देश्य को फ़िल्मों में मूर्त रूप प्रदान करने में अरुण नागर का प्रमुख स्थान रहा है ।
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