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बोड़ाकी गांव में धरनारत किसानों के घरों को तोड़ने की अफवाह से भड़के किसान, पल्ला गांव में पंचायत कर दी आन्दोलन को तेज करने की चेतावनी।


फयूचर लाईन टाईम्स सुंदर लाल शर्मा मीडिया प्रभारी दादरी
 गौतम बुद्ध नगर किसान अधिकार युवा रोजगार आंदोलन के आह्वान पर नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, 20% प्लॉट तथा सभी युवाओं और भूमिहीनों को रोजगार दिए जाने और किसानों की आबादियों को ज्यों का त्यों छोड़े जाने की मांग को लेकर पिछले 175 दिन से बोड़ाकी गांव में तथा पिछले 14 दिन से पल्ला गांव में चल रहे धरना प्रदर्शन आज भी जारी रहे। आज सुबह 9 बजे बोड़ाकी धरना स्थल के पास भारी पुलिस बल और जेसीबी मशीनें तथा डंपर आदि पहुंच जाने के कारण जिला प्रशासन द्वारा किसानों के मकानों को तोड़े जाने की अफवाह फैल गई थी, जिससे आंदोलनरत किसान भड़क गए और किसान संगठनों को सूचना दी जाने लगी इस पर  बड़ी संख्या में आस पास के गांवों से किसानऔर महिलाऐं पहुंचने शुरू हो गए थे परंतु पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी लेने पर पता चला कि किसानों के मकानों को तोड़े जाने की कोई योजना नहीं थी, साथ ही बाद में डीएफसीसी के अधिकारी भी मशीनें और डंपरों को वापस लेकर चले गए। उसके बाद पिछले 175 दिन से बोड़ा की गांव में तथा पिछले 15 दिनों से पल्ला गांव में धरनारत किसानों ने पल्ला गांव स्थित व्यायाम शाला स्थल पर तय कार्यक्रम के अनुसार पंचायत का आयोजन किया।किसानों ने 30 जनवरी को जिला प्रशासन के साथ होने वाली वार्ता के बारे में विचार विमर्श किया। किसानों ने आन्दोलन को मजबूत करने के लिए आस पास के गांवों में जन जागरण अभियान चलाए जाने का निर्णय लिया।किसानों ने 30 दिसंबर को होने वाली वार्ता के बाद की परिस्थितियों पर विचार करने के लिए 31 दिसम्बर को फिर से पल्ला धरनास्थल पर किसान महापंचायत करने का भी निर्णय लिया है।पीड़ित किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह आर पार का आंदोलन करेंगे।

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