ग्रेटर नोएडा। दिनांक 24 दिसम्बर से 26 दिसम्बर 2021 तक गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के महात्मा ज्योतिबा फूले ध्यान केंद्र , बौद्ध अध्ययन और सभ्यता संकाय द्वारा तीन दिवसीय पूर्णतया आवासीय ध्यान साधना आधारित तनाव प्रबंधन कोर्स का संचालन किया जायेगा । विपश्यना (Vipassana) भारत की एक अत्यंत पुरातन ध्यान-विधि है। मानव जाती से दीर्घ काल से खोई को आज से लगभग २५०० वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध ने पुन: खोज निकाला था। विपश्यना का मतलब है कि जो वस्तु सचमुच जैसी हो, उसे उसी प्रकार जान लेना। यह अंतर्मन की गहराइयों तक जाकर मन-निरीक्षण द्वारा चित्त शुद्धि की साधना है। मन की एकाग्रता के लिये अपने नैसर्गिक श्वास के निरीक्षण से आरंभ करता है। तीक्ष्ण सजगता से अपने ही शरीर और चित्तधारा का परिवर्तनशील स्वभाव का निरीक्षण करता है और वैश्विक सत्य जैसे नश्वरता,दुःख और अहंभाव का अनुभव करता है।यह सत्य-अनुभूती का सीधा अनुभव ही शुद्धी की प्रक्रिया है। पूरा मार्ग(धम्म) एक वैश्विक समस्योंका वैश्विक उपाय है और इससे किसी संघठित धर्म या संप्रदाय से कोइ लेना देना नही है। इसिलिये, इसिका किसी जाति, वंश या धर्म से झगडे बिना कही भी, किसी समय कोईभी मुक्तता से अभ्यास कर सकता है, और सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद साबित होगा।
तनाव जीवन की मांगों के लिए एक मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है। तनाव की थोड़ी मात्रा अच्छी हो सकती है, जिससे आप बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। हालांकि निरंतर चुनौतियों के कारण अत्यधिक तनाव आपको इससे निपटने की क्षमता को क्षीण कर सकता है। लंबे समय तक तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। तनावों के जवाब में, आपका शरीर स्वचालित रूप से रक्तचाप, हृदय गति, श्वसन, चयापचय और आपकी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। तनाव से स्ट्रोक, दिल का दौरा, पेप्टिक अल्सर और अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। आमतौर पर, आवर्तक तनाव आपको बाद के तनाव के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाता है
विपश्यना ध्यान दरअसल मन की शांति के लिए, तनाव से पूर्ण छुटकारा के लिए और हर तरह की मानसिक समस्या से निजात दिलाने के लिए की जाती है. दिमाग और मन को हेल्दी बनाए रखने के लिए यह अद्भुत प्रयास है. इसके करने से मन में नकारात्मकता नहीं आती. मन में हमेशा शांति बनी रहती है जिससे शरीर भी निरोग रहता। आज से इस कोर्स का प्रारंभ बुद्ध रूप को अतिथि श्री कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाटी, सह-कुलसचिव डॉ. एस के तिवारी एवं बौद्ध अध्ययन और सभ्यता संकाय के उपस्थित आचार्यो के द्वारा दीप प्रज्वलित करते हुई। उसके बाद वियतनामी बौद्ध विद्यार्थीओ के द्वार बुद्धपूजा का संगायन हुआ और। श्री। कुलसचिव ने विपश्यना ध्यान के आधुनिक महत्व के बताते हुए, आज के युग में जो तनाव एवं दुख को मुक्त करने के मार्ग विपश्यना ध्यान है। इस कोर्स के सभी सहभागियों को शुभकामना देकर आशीर्वाद दिया। और डॉ. मनीष मेश्राम जो कोर्स के डायरेक्टर है, उन्होंने आनापानासती सती ध्यान का सराव करते हुये तनाव को मुक्त होने का अनुभव कराया, अंत: अभारविधि का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ प्रियदर्शनी मित्रा ने सभी अतिथि, आचार्यों एवं सहभागियों का अनुमोदन किया और शुभकामना दिया। इस कोर्स के अंतर्गत एकूण आठ सेशन होनेवाले है जिसमें तनाव मुक्ति अनुभव के सात प्रकार के बौद्ध ध्यान विधियाँ का अभ्यास 3 दिवसीय कोर्स में किया जाएगा।
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