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शारदा विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में बोले केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार

फ्यूचर लाईन टाईम्स:- संवाददाता ग्रेटर नोएडा:-शफ़ी मोहम्मद सैफी

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आने वाला समय भारत का, युवा विश्व को रास्ता दिखाएंगे।
इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ कस्तूरीरंगन और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और बांग्लादेश के प्रख्यात अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
ग्रेटर नोएडा।इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ कस्तूरीरंगन और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और बांग्लादेश के प्रख्यात अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि आने वाला समय भारत का है। भारत के युवा विश्व को रास्ता दिखाएंगे और विश्व गुरू की पुरानी विरासत को प्राप्त करेंगे। वह शारदा विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय कानून व न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, इसरो के पूर्व चेयरमैन और नई शिक्षा नीति के निर्माता डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और बांग्लादेश के प्रख्यात अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस और उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. जी सी त्रिपाठी मौजूद रहे। इस दौरान कुल 192 स्टूडेंटस को विभिन्न मेडलों से नवाजा गया। डॉ. के कस्तूरीरंगन और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके लिए दोनों ने विवि के चांसलर पी के गुप्ता का धन्यवाद किया। शारदा विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि सरकार ने शिक्षा में समय के अनुसार बदलाव करते हुए नई शिक्षा नीति को लागू किया। हमें खुशी है कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र की प्रीमियर यूनिवर्सिटी शारदा विवि ने नई नीति को न केवल लागू किया बल्कि बेहतर इन्फ्रास्टक्चर देकर छात्रों के भविष्य को संवार रहे। दीक्षांत नए जीवन की शुरूआत है। अब तक बच्चों ने जो पढा या समझा है अब उसे जमीन पर उतारने का वक्त आ गया है। यह अपने आप में माइलस्टोन जैसा है। हमारे देश के कल्चर, ज्ञान और विजडम को पूरा विश्व नमन करता है। हमारे पुराने विश्वविद्यालयों ने पूरे विश्व को ज्ञान का रास्ता दिखाया है। आज सबसे ज्यादा जरूरत रिसर्च और इनोवेशन की है। जितना अधिक हम रिसर्च पर फोकस करेंगे उतना ही अधिक अपना योगदान देश सेवा में कर पाएंगे। हमें उम्मीद है कि शारदा विवि से ज्ञान प्राप्त किए ये सभी छात्र न केवल खुद का भविष्य उज्ज्वल करेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार दिलाने में सक्षम होंगे। विशिष्ठ अतिथि डॉ. मोहम्मद यूनुस वर्चुअल मोड से जुडे और अपने अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने कहा कि कोई भी बडी उपलब्धि की शुरूआत छोटे से स्तर से होती है। बस इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए। यहां के बच्चे भी आगे चलकर अपने प्रयासों से न केवल संस्थान का नाम रोशन करेंगे बल्कि विश्व के विकास में भी अपना अमूल्य योगदान देंगे। इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के कस्तूरीरंगन ने इसरो में अपने योगदान को यादकर कहा कि शिक्षा हमेशा बुनियादी जरूरतों को देखते हुए दी जानी चाहिए। समय के हिसाब से नीति बननी चाहिए, तभी जाकर बच्चे उसमें अपनी रूचि जगा पाते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि शारदा विवि ने नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया है जो तारीफ के काबिल है। उन्होंने रिसर्च और इनोवेशन पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ जी सी त्रिपाठी ने कहा कि आज राजनीति, विज्ञान, समाज, शिक्षा, आईटी सेक्टर और कल्चर के क्षेत्र में काफी कुछ करने को बाकी है। बच्चे अपना फोकस इन चीजों पर करें तो एक बेहतर समाज का निर्माण होगा।

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