फ्यूचर लाइन टाईम्स, पंकज तोमर ब्यूरो चीफ गाजियाबाद। गाजियाबाद। एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलपमेंट असोसियेशन (ई.एस.डी.ए.) संस्था ने सी. एस. आई. आर.- नीरी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर कालिज, दिल्ली विश्वविध्यालय, इग्नू, जी. आर. सी. इंडिया, अमेटी विश्विविध्यालय, जी. डी. गोयनका विश्वविध्यालय, नाबार्ड, शारदा विश्वविधालय, नीसा, एस. टी. ई. आदि संस्थानो के सहयोग से तीन दिवसीय *विश्व पर्यावरण सम्मेलन 2021* का आयोजन किया। पर्यावरण की भविष्य की चुनौतियों पर विश्लेषण किया गया।
सम्मेलन के तीन दोनो मे पर्यावरण के विभिन्न विषयो जैसे वायु प्रदूषण नियंत्रण, जल सरक्षण, कूड़ा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तपन, प्रकति संसाधन संरक्षण, ग्रीन एकॉनमी, वन्य जीव संरक्षण, वन संरक्षण, नदी एव तालाबों का पुनरुद्धार, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत आदि विषयों पर 271 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए और 52 पर्यावरण वैज्ञानिक एव प्रोफेसर द्वारा वक्तव्य दिए गये जिनमे *पदम श्री एव पदम विभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी*, अमेटी विश्वविध्यालय के कुलपति प्रोफेसर पी. बी. शर्मा, पटेल चेस्ट इंस्टिट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राज कुमार, अम्बेडकर कालिज के प्राचार्य डॉ जी. के. अरोड़ा, आई. आई. टी दिल्ली के प्रोफेसर ऐ. के. केसरी, सी. पी. सी. बी. के अडिशनल डाइरेक्टर वी. पी. यादव, गाजियाबाद की सामाजिक वन निदेशक दीक्षा भंडारी, ई.एस.डी.ए के चेयरमैन डॉ जितेंद्र नागर, इग्नू की प्रोफेसर शाची शाह, फिनलैंड की डॉ पेरूमल, यूक्रेन के प्रोफेसर वोल्फ, ऑस्ट्रेलिया के डॉ अड्विन निकल्सन, नेपाल से प्रोफेसर जीनैल थापा, कुवैत से डॉ पाठक, अमेरिका से प्रोफेसर अशोक कुमार आदि ने अपने वक्तव्य दिए।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि पदमाभुषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि आज दुनिया भोग विलासिता के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अति दोहन कर रही है और चारो तरफ सिर्फ मुनाफे की होड़ लगी हुई है जिससे पर्यावरण एव प्रकृति का विनाश होता जा रहा है और मानव के सामने जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तपन, वायु प्रदूषण एव जल स्रोत समाप्त होने जैसी वैश्विक चुनौतियां है। डॉ जोशी ने कहा कि अब समय आ गया जब हमे अपने प्राचीन समय के अनुसार प्रकृति के साथ जीवन जीने के रास्ते खोजने होंगे क्योकि मनुष्य को जीने के लिए बहुत कम भोजन एव पानी की आवश्यकता होती है
विश्व पर्यावरण सम्मेलन के संयोजक एव ई.एस.डी.ए. चेयरमैन डॉ. जितेंद्र नागर ने कहा कि ऐसे सम्मेलनों को आयोजित करने का उद्देश्य सिर्फ यह कि समाज मे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता आए एव देश - दुनिया के पर्यावरण वैज्ञानिक, कार्यकर्ता एव छात्र मिलकर ऐसी योजनाओ बनाये कि आने वाले समय मे हम अपने विकास के साथ साथ अपने प्राकृतिक संसाधनों को भी संरक्षित रख सके। डॉ नागर ने कहा कि अब सभी देशो को सतत विकास के मॉडल को अपनाकर 2030 तक सभी 17 सतत विकास गोल को पूर्ण करना होगा।
कार्यक्रम के अंत ने देश-दुनियां के 42 लोगो को पर्यावरण एव समाज के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य करने के लिए ई.एस.डी.ए. अवार्ड 2021 से सम्मानित किया गया। पदम विभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी को लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया तथा *गाजियाबाद की सामाजिक वन निदेशक दीक्षा भंडारी को वन संरक्षण एव सामाजिक कार्यो के लिए ई. एस. डी. ए वोमेन एम्पॉवरमेंट अवार्ड (महिला सशक्तिकरण) से सम्मानित किया गया।
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