ग्रेटर नोएडा।महामारी की चुनौती के बाद भौतिक आयोजन और कभी हार ना मानने के जज्बे के लिए ईपीसीएच और हस्तशिल्प उद्योग की प्रशंसा की।1500 से ज्यादा प्रदर्शक प्रतिभागी, 90 से ज्यादा देशों के पंजीकृत क्रेता, थीम प्रस्तुतीकरण , क्षेत्रीय कलाएं, सेमिनार और कला प्रदर्शन 4 दिन के आयोजन का प्रमुख आकर्षण।ग्रेटर नोएडा इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में 28 से 31 अक्टूबर 2021 तक आईएचजीएफ- दिल्ली मेले- ऑटम 2021 के 52 वें संस्करण का उद्घाटन गुरुवार को रामदास अठावले, केंद्रीय राज्य मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता द्वारा किया गया। इस अवसर पर केंद्र सरकार के सचिव, कपड़ा मंत्रालय यू पी सिंह, आईएएस, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और भारत सरकार में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) शांतमनु ; राज के मल्होत्रा, अध्यक्ष,हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच), डॉ. राकेश कुमार, महानिदेशक, ईपीसीएच; प्रशासन समिति, ईपीसीएच के सदस्य निर्यातक; विशाल ढींगरा, चेयरमैन, बायिंग एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएए); प्रसिद्ध फिल्म स्टार, गगन मलिक; और आर के वर्मा, कार्यकारी निदेशक, ईपीसीएच भी उपस्थित रहे। मेले की शुरुआत होने के चंद शुरुआती घंटों में ही कई विदेशी खरीदारों ने दौरा किया और कई नए पंजीकरण भी हुए।सभा को संबोधित करते हुए, भारत सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता श्री रामदास अठावले ने महामारी के बाद पहला भौतिक मेला देखकर प्रसन्नता और आश्चर्य व्यक्त किया और ईपीसीएच के प्रयासों की सराहना की। अठावले ने कई कारीगर क्लस्टरों की भागीदारी को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की, और आशा व्यक्त की कि इसके परिणाम जमीनी स्तर पर प्रयास करने वालों को सशक्त बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने में ईपीसीएच के भविष्य के प्रयासों के लिए अपने मंत्रालयों के समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के शो हस्तशिल्पियों की क्षमता के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पूरे उद्योग के बहुआयामी और स्वस्थ प्रतिनिधित्व पर ईपीसीएच की सराहना करते हुए, श्री अठावले ने भविष्य में मेले के सभी पहलुओं में वृ्द्धि की आशा व्यक्त की। माननीय मंत्री ने 3 वर्चुअल संस्करणों के बाद भौतिक रूप से आयोजित 52 वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले में, खरीदार और विक्रेता के दो साल के अंतराल के बाद आमने-सामने आने पर, इस आयोजन के जरिेए सभी के लिए फलदायी व्यापार और मजबूत संबंधों की कामना की।मेले के उद्घाटन समारोह के दौरान अपने संबोधन में, कपड़ा मंत्रालय के सचिव श्री यूपी सिंह ने कहा कि यह सराहनीय है कि महामारी के दौरान भी जब सभी भौतिक गतिविधियां ठप थीं, ईपीसीएच वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अपने मेलों का आयोजन करने वाली पहली परिषद थी। और अब जब चीजें वापस सामान्य हो रही हैं, आईएचजीएफ दिल्ली मेले का 52वां संस्करण फिर से शुरू हो गया है। उन्होंने महामारी के दो वर्षों के दौरान निर्यातकों के द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद 2021-22 के पहले छह महीनों के दौरान 60 प्रतिशत की अनुकरणीय निर्यात वृद्धि में योगदान देने के लिए हस्तशिल्प सेक्टर की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अब जब स्थितियां उम्मीद जगा रही हैं तो अब चीजें बेहतर और अधिक फलदायी हो सकती हैं। उन्होंने कहा, चूंकि हस्तशिल्प और उपहारों के व्यवसाय में स्पर्श और अनुभव बहुत बड़ा कारक होता है ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि भौतिक मेलों के फिर से शुरू होने से बुक किए गए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि होगी और व्यवसाय में वृद्धि होगी, जिससे निर्यातकों, उद्यमियों और कारीगरों के लिए नए रोजगार के और अवसर पैदा होंगे।
माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, ने अपने संदेश में कहा, ऐसे समय में जब दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम पूरे जोरों पर है, यह देखकर खुशी हो रही है कि प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रदर्शकों और खरीदारों के लिए व्यापार करने और व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए एक अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन निकट भविष्य में मेले के बड़े और बेहतर संस्करणों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और इस प्रक्रिया में भारत से हस्तशिल्प के निर्यात को अधिक बढ़ावा मिल सकेगा।मेले के आयोजन पर अपने संबोधन में , विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्री शांतमनु ने शो की थीम और सामूहिक प्रस्तुतियों में जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दक्षिणी और उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के कई क्षेत्रीय कारीगर उत्पादों को शामिल करने की सराहना की, उन्होंने इन प्रस्तुतियों में विशेष रूप से पर्यावरण के अनुकूल और प्राकृतिक सामग्री को शामिल किए जाने पर खूब सराहा । उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन वस्तुओं के प्रदर्शन से निश्चित रूप से आगंतुकों के बीच इन उत्पादों के प्रति जागरूकता और मांग दोनों ही उत्पन्न होगी।हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष श्री राज कुमार मल्होत्रा ने आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 52वें संस्करण में सभी का स्वागत किया और कहा कि परिषद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ कोई भी व्यक्ति या संगठन दिए गए समय की बेहतर तैयारी करके हमेशा कठिन समय को पार कर सकता है और चुनौतियों को अवसरों में बदल सकता है। उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा “आईएचजीएफ मेले का यह संस्करण व्यक्तिगत और वास्तविक संवाद की सुविधा प्रदान करता है और प्रदर्शकों और खरीदारों को एक व्यवहारिक मार्केटिंग विकल्प भी प्रदान करता है। ईपीसीएच द्वारा किए गए व्यापक प्रचार अभियान के कारण बड़ी संख्या में विदेशी खरीदार, थोक व्यापारी और खुदरा विक्रेता पहले ही शो में आने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।,” हस्तशिल्प उद्योग की आशावादी भावना पर विचार करते हुए, ईपीसीएच के महानिदेशक, डॉ राकेश कुमार ने कहा, “महामारी के दौरान प्रारंभिक हताशा के बाद, हमारे सदस्य नए उत्पादों को विकसित करने और सस्ते मैन्यूफैक्चरिंग विचारों को अपनाया और संसाधनों के रणनीतिक और रचनात्मक उपयोग करना शुरु कर दिया। उनकी इन तैयारियों और रणनीति का असर हैकि , भारत होम, जीवन शैली, फैशन, टेक्सटाइल और फर्नीचर उत्पादों में पसंदीदा आपूर्तिकर्ता बनने के की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।” उन्होंने अपने संबोधन में उत्तर पूर्वी क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और दक्षिणी क्षेत्र के शिल्प की जीवंतता को चित्रित करने वाले थीम मंडपों के बारे में भी बताया जो विदेशी खरीददार समुदाय के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) देश से दुनिया के विभिन्न स्थानों पर हस्तशिल्प के निर्यात प्रोत्साहन की नोडल एजेंसी है। इसके साथ ही ईपीसीएच दुनिया भर में क्वालिटी हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के भरोसेमंद प्रदाता के तौर पर भारत की छवि निमार्ण करने का काम करती है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 15995.73 करोड़ रुपये का हुआ है जिसमें बीते वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 60.34% की वृद्धि दर्ज की गई है।
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