भारती धामा ने पीसीएस परीक्षा में चयनित होकर किया गुर्जर समाज का नाम रोशन - मनुपाल बंसल
बागपत, उत्तर प्रदेश से संवाद विवेक जैन की रिपोर्ट ।
बागपत शहर के चमरावल रोड़ पर स्थित गुर्जर भवन में गुर्जर प्रतिहार वंश के सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक मिहिरभोज की जयंती को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। प्रमुख समाजसेवी और जिला पंचायत सदस्य संजय डीलर ने बताया कि महान सम्राट मिहिरभोज परम शिव भक्त और गुर्जर प्रतिहार वंश के सर्वाधिक प्रतापी एवं महान शासक थे। सम्राट मिहिर भोज का विशाल साम्राज्य मुलतान से पश्चिम बंगाल तक और कश्मीर से कर्नाटक तक फैला हुआ था। धर्म के रक्षक के रूप जाने वाले मिहिरभोज ने 836 ईस्वी से 885 ईसवी तक शासन किया। इस्लामिक पुस्तक आइना-ए-अकबरी के अनुसार मिहिरभोज के पास बहुत विशाल सेना थी और उनके राजदरबार में 500 उच्चकोटि के विद्धान थे। पराक्रमी शासक होने के साथ-साथ वे विद्या और कला के उदार संरक्षक थे। अपने काल में उन्होने अनेको भव्य महलों और मंदिरों का निर्माण कराया। उन्होंने अनेकों ग्रथों की रचना की। उनकी विद्वता के कारण उनको कविराज की उपाधि प्राप्त थी। कार्यक्रम में गुर्जर समाज का नाम रोशन करने वाली बागपत के निबाली गांव की भारती धामा को पगड़ी पहनाकर और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बागपत के प्रसिद्ध समाजसेवी और जिला पंचायत सदस्य मनुपाल बंसल ने कहा कि भारती धामा ने पीसीएस परीक्षा में चयनित होकर गुर्जर समाज का नाम रोशन किया है। भारती धामा समाज की बेटियों के लिये प्रेरणास्रोत है। कार्यक्रम में गुर्जर समाज का नाम रोशन करने वाली कई प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बागपत के एडीएम अमित कुमार, इतिहासविद् एवं शहजाद रॉय शोध संस्थान के निदेशक अमित राय जैन, बागपत जिला सूचना अधिकारी राहुल भाटी, भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपाल सिंह, भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर, गजेन्द्र सिंह बली एड़वोकेट, करतार पहलवान, रणवीर चौधरी एडवोकेट आदि अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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