किसी भी सुनसान जगह पर जो किसी हाईवे पर हो शहर की समीप ही हो छोटा सा चबूतरा बना कर ४ मूर्तियों की स्थापना कर दो
साई बाबा शिरडी वाले की, शनि देव की ,हनुमान की और शिव की मूर्तियाँ वहाँ पर स्थापित कर दो।
१. साई बाबा शिरडी वाला- उसकी तो सबसे बड़ी मूर्ति लगाओ। वीरवार के दिन तो मेला ही लग जायेगा।
अंधे भगत मन में यही मन्नत लेकर आएँगे की उन्हें कुछ न करना पड़े सब कुछ साई ही कर दे। जिसके पास कुछ नहीं हो जोकि कंगला हो वो तो मिलने की इच्छा से आयेगा, जिसके पास हो वो इस भय से आयेगा की उसका कोई छीन न ले।
कोई यह नहीं जानना चाहता की साई जीवन भर मस्जिद में रहा, नमाज अदा करने और माँस खाने के उसे शोक थे। कोई यह भी नहीं जानना चाहता था की अध्यातम मार्किट गुरु साई बाबा के सभी चमत्कार महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव तक ही क्यूँ सीमित रहे जबकि पूरे भारत में उसके जीवन काल में अंग्रेजों का राज रहा और करोड़ो भारतीय भयानक अकाल,प्लेग, भूकंप ,हैजा और अगर फिर भी कोई बच गए तो अंग्रेजों के अत्याचार से अपनी अकाल मौत मारे गए।
बोलो अध्यातम मार्किट गुरु साई बाबा की जय।
२. शनि देव की मूर्ति- चंद वर्षों पहले तक तो कोई उसे भगवान ही नहीं मानता था, अब तो हजारों लीटर के सरसों के तेल से शनि की मूर्ति को स्नान करवाया जाता हैं। गज़ब भगवान हैं चंद सिक्कों और तेल से क्रोध एक दम शांत। अरे भई यह तो सोचो की ईश्वर को कब क्रोध आने लगा। जो जैसा करेगा वो वैसा भरेगा।
सारे हफ्ते भर भर कर पाप करो और वीकेन्ड पर शनिवार को जाकर तेल चढ़ा कर रिश्वत दे दो की शनि महाराज बचा लेना।
यह हो गया हो गया अध्यातम गंगा में स्नान।
३. हनुमान जी की मूर्ति- एक समय बल, ब्रहमचर्य , नैतिक आचार के प्रतीक के रूप में वीर वर हनुमान जी ने ख्याति प्राप्त की थी।
आज तो साई और शनि के आगे इन बेचारों की मार्किट डाउन हैं।
मर्यादा पुरुषोतम श्री राम चन्द्र जी महाराज और उनके महान चरित्र से तो सन २००० के बाद पैदा हुई एक पूरी पीढ़ी लगभग अनभिज्ञ ही हैं। उनके लिए तो साई और शनि ही भगवान हैं। थोड़े बहुत के लिए यह अंग्रेजी में ape god हैं।
थोड़ी बहुत कृपा कार्टून चैनल ने हनुमान जी के कार्टून बना कर कर दी हैं पर व्यावहारिक रूप से तो मंगलवार के केवल एक ही महत्व हमें दीखता हैं। वह हैं इस दिन अंडे,माँस और शराब को हाथ नहीं लगाना।
यह भी कुछ कुछ वैसा ही हैं की सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। पूरे हफ्ते जम कर ऐश मंगलवार को दोनों कान पकड़ लो की आज नहीं खायेंगे। शायद समझ रहे होते हैं की ईश्वर को बनाना हैं जबकि सत्य यह हैं की यह अपने आपको बेवकूफ बनाने से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
वैसे तो मंगलवार के दिन ज्यादा भीड़ नहीं होगी पर फिर भी कुछ भूले भटके आ जायेंगे इसलिए हमारे बिज़नस प्लान में हनुमान को हमने शामिल कर लिया हैं।
४. बेचारे शिव भगवान को सोमवार का दिन मिला हैं। हफ्ते की शुरुआत हैं। बोनी का दिन होता हैं।
पहले बहुत लोग आते थे। कुँवारे सुन्दर पत्नी माँगने आते थे, लडकियाँ १६ सोमवार का व्रत रखकर अपने लिए पति मांगती थी।
अब धीरे धीरे इनकी मार्किट पर भी साई बाबा का कब्ज़ा हो गया हैं।
घरों से तो पिता शिव की जगह उनके पुत्र गणेश ने ले ली हैं।
मंदिरों में साई बाबा आ विराजे हैं।
कैलाश पर चीन का कब्ज़ा हो गया हैं।
अब जंगल ही ठिकाना बचा हैं। वो भी कटते जा रहे हैं।
वर्ष में केवल सावन में अपनी खोई प्रतिष्ठा वापिस मिलती हैं। जब भंग का नशा करने वालो के मुख से बम बम सुनाई देता हैं।
सोमवार,मंगलवार, वीरवार और शनिवार के अलावा रविवार तो फुल डे आना जाना रहेगा। इसलिए बिज़नस बढ़िया रहने की उम्मीद हैं।
केवल बुधवार और शुक्रवार को रेस्ट डे मिलेगा जोकि आवश्यक हैं।
अगर इससे भी टारगेट यानि की लक्ष्य की पूर्ति न हो तो नवरात्रों में वर्ष में दो बार देवी की मूर्ति लगाने से नो दिन बहार ही बहार रहेगी। ज्यादा मन करे तो देवी की भेंटें गाने वाले सलीम को बुला लेना। चन्दा खूब जमा हो जायेगा।
इससे भी मन न भरे तो साई संध्या करवा लो। और बुलाओ किसे ?
हिन्दुओं को कैसे मुसलमान बनाया जाये इस विषय पर लिखी गयी पुस्तक “दाइये इस्लाम” के लेखक, गाँधी को इस्लाम की दावत के लेखक निजामुद्दीन दरगाह के ख़वाजा हसन निजामी के खादिमों में से एक के वंशज हमसर हयात निज़ामी को बुलाकर साई संध्या करवाना हिन्दू समाज में सेक्युलर होने का प्रतीक बन गया हैं।
अरे मुर्ख हिन्दू कौम तुझे १००० साल से भी ज्यादा पिटने के बाद, भारत को दो टुकड़े करवाने के बाद, करोड़ो हिन्दू भाइयों को इस्लाम/ईसाइयत ग्रहण करवाने के बाद भी अगर यह समझ नहीं आया की आर्य वैदिक धर्म क्या हैं तो कब आयेगा।
इसलिए आँखे खोल और पहचान की तेरा असली शत्रु तेरी अज्ञानता हैं जिसके कारण अन्धविश्वास और पाखंड को अपनाकर तू अपना नाश करने पर तुला हुआ हैं।
यह लेख हिन्दू समाज में हो रही अध्यात्मिक दुर्गति को दर्शाता हैं।पाठक निष्पक्ष रूप से पढ़ कर चिंतन मनन करे।
वेद विदित निराकार, सर्वज्ञ, अजर, अमर, सर्वशक्तिमान, सृष्टि रचयिता, पालनकर्ता, सर्वान्तर्यामी ईश्वर की पूजा कीजिये। उससे विरुद्ध काल्पनिक की नहीं।
#डॉ_विवेक_आर्य
(साईं बाबा की इन मूर्तियों और साईं गीता को देख कर आपके मन में क्या विचार आया अवश्य बताये)
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