दिल्ली। भारतीय शिक्षक दिवस 5 सितम्बर के अवसर पर नव रत्नों को विश्व गुरु सम्मान से किया गया सम्मानित।
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, नई दिल्ली CCRT,भारतीय संस्कृति सेवार्थ न्यास, हरिद्वार, उत्तराखण्ड, युनिवर्सीटी ऑफ फीज़ी, हिंदी टाइम्स मीडिया टोरंटो, कैनेडा, ब्रह्मा कुमारीस, माउंट आबू एवं फैडरेशन ऑफ कम्युनिटी रेडियो नई दिल्ली द्वारा दिनांक 5 सितंबर 2021, शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में दोपहर 1:00 बजे से एक अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल वैबिनार
आनलाइन माध्यम से किया गया। वेबीनार में ऑस्ट्रेलिया, फीजी, कैनेडा, सिंगापुर, नेपाल नीदरलैंडस सहित भारत के विद्वत जनो ने अपने विचार रखे विभिन्न देशों के शिक्षाविदों द्वारा अपने-अपने देशों में "सांस्कृतिक शिक्षा के प्रचार- प्रसार में शिक्षकों की भूमिका"विषय पर विचार विमर्श का शुभारम्भ संस्कृतिक स्रोत और प्रशिक्षण केंद्र, नई दिल्ली की अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन द्वारा भारतीय संस्कृति की विश्व को देन पर चर्चा के साथ हुई। सी सी आर टी के निदेशक ऋषिकुमार वशिष्ठ ने सभी आगंतुक विदेशी विद्वानों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डा सतीश कुमार शास्त्री को सौंपते हुए सभी वक्ता गणों से विनम्र आग्रह किया कि संस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली के साथ जुड़कर संस्कृति के प्रचार प्रसार को मुहिम को विश्व स्तर पर तेज करें। विषय पर विचार विमर्श की औपचारिक शुरुआत उप कुलपति कमलेश आर्य के वक्तव्य से हुई। तदोपरांत सिंगापुर से डॉ संध्या सिंह ने सिंगापुर में भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर विस्तार से चर्चा की। तीसरा व्याख्यान प्रो. डॉ पुष्पिता अवस्थी का रहा जिन्होंने नीदरलैंड में और सूरीनाम में प्रवासी भारतीयों की सार्थक भूमिका को रेखांकित किया संस्कृति के प्रचार प्रसार में। फीजी में प्रवासी भारतीयों को गिरमिटिया परम्परा और भारतीय संस्कृति के विस्तार में शिक्षकों की भूमिका पर वरिष्ठ प्रवक्ता मनीषा रामरखा जी का विस्तृत व्याख्यान रहा। इसी क्रम में आस्ट्रेलिया में लंबे समय से हिंदी कि सेवा में जुटी रेखा राजवंशी ने भारतीय व्यजनों से लेकर भारतीय परम्पराओं और सामूहिक आयोजनों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के अंतिम वक्ता के रूप में डॉ राकेश राणा ने भारतीय पक्ष को मजबूती से रखते हुए भारतीय मूल्यों से उपजी चिंतन दृष्टि वैसुधव कुटुंबकम् से विश्व कल्याण की कामना करें वाले भारतीय दृष्टिकोण को विस्तार से व्याख्यायित किया। नई सदी का नया शिक्षक सांस्कृतिक प्रचारक शांतिदूत बनकर अपनी वैश्विक भूमिका का वरण करें। डॉ राणा ने सांस्कृतिक समन्वय के साथ विश्व में शांति और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके इसके लिए सीसीआर टी जैसे संस्थानों को महती भूमिका बनती है। कार्यक्रम का सुंदर संचालन डॉ सतीश कुमार शास्त्री द्वारा किया। वहीं अंत मै सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली के निदेशक डॉ ऋषि कुमार वशिष्ठ ने सभी विद्वानों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद दिया। संस्थान के साथ मिलकर निरंतर ऐसे विचार विमर्श आयोजित करते रहने का संकल्प दोहराया। डॉ सतीश शास्त्री ने पुनः सभी विदेशी मेहमानों का आभार व्यक्त किया। सभी अतिथि वक्ताओं को नव रत्न बताते हुए विश्व गुरु सम्मान 2021 तथा सभी सहभागियों को ई प्रमाणपत्र जारी करने का आग्रह ccrt निदेशक से किया।
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