आयुर्योग एक्पो, आरोग्य मेला और हिमालय हर्बल एक्सपो 2021 का हुआ समापन।
फ्यूचर लाईन टाईम्स शफ़ी मोहम्मद सैफी ग्रेटर नोएडा संवाददाता
ग्रेटर नोएडा।इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित आयुर्योग एक्सपो-आरोग्य मेला2021 और हिमालयन हर्बल एक्सपो 2021 का समापन 27 सितंबर, 2021 की शाम को हुआ। इस आयोजन को व्यापार प्रतिनिधियों, डॉक्टरों,आगंतुकों, छात्रों और आयुष उद्योग की प्रमुख हस्तियों से अभूतपूर्व और अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली। यह मेला आयुष मंत्रालय, विश्व आयुर्वेद परिषद और यूपी सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था। मेले में शिरकत कर रहे प्रतिनिधियों और आगंतुकों के बीच उत्साह का माहौल और फीड गुड फैक्टर का एहसास सहज किया जा सकता था, क्योंकि कोरोना काल और विशेषकर महामारी की दूसरी लहर के बाद यह मेला पहला भौतिक आयोजन था। इस आयोजन में प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित आयुर्वेद और हर्बल उत्पादों और उनके लिए संबंधित स्वास्थ्य लाभों के बारे में देखने और चर्चा करने के लिए आगंतुकों में काफी उत्साह देखने को मिला। कई बार तो आगंतुक इसमें शामिल होने के लिए धक्का-मुक्की करते देखे गए। आरोग्य मेले का अंतिम दिन, 27 सितंबर गतिविधि और संवाद से भरा हुआ था था। इस अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय कॉनफ्रेंस’माउंटेनियस मेडिसिनल प्लांट-इश्यूज एंड चैलेंजेस’ का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस के मुख्य वक्ता अरुण चंदन और अन्य विख्यात विद्वान रहे। इस कार्यक्रम में 09प्रजेंटेशन दिए गए , जिनमें से एक अमरीका के सिएटल के डॉ शैलेंद्र सोढ़ी द्वारा दी गयी। उन्होंने अमेरिका में हिमालयी औषधीय पौधों की बढ़ती मांग और भारत से अमेरिका को आपूर्ति किए जाने वाले कच्चे माल की गुणवत्ता के साथ अपने अनुभव के बारे में साझा किया। डॉ सोढ़ी ने जोर देकर कहा कि यूएस-एफडीए मानदंडों के अनुसार अमरीका में कच्चे माल की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मानक और गुणवत्ता नियंत्रण के सटीक और वृहद उपाय किए जाने चाहिए।काठमांडू नेपाल के द माउंट एवरेस्ट बॉटैनिकल एलायंस के सीईओ रिजुल भास्कर गुरंग ने अपने संगठन की केस स्टडी का प्रस्तुतीकरण दिया। इस केस स्टड़ी में बताया गया कि वे किस तरह से विभिन्न सामुदायिक हितधारकों के साथ काम कर रहे हैं जिससे वे औषधीय पौधों की खेती पर विचार करें।एक अन्य कार्यक्रम, नेशनल कॉन्फ्रैंस ऑफ होम्योपैथी में डॉ श्वेता गौतम ने एक अवधारणा नोट प्रस्तुत कर सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में अन्य प्रसिद्ध वक्ताओं में वैज्ञानिक,शोधकर्ता और डॉ डीपी रस्तोगी सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (सीसीआरएच),नोएडा में सहायक निदेशक डॉ जया गुप्ता समेत कई विख्यात लोग शामिल रहे।समापन दिवस पर एक और महत्वपूर्ण आयोजन द वर्ल्ड एसेंबली ऑन आयुर्वेद, योग एंड नैचुरोपैथी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को वैद्य सुनील जोशी और कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय समेत अन्य महत्वपूर्ण पैनलिस्टों ने संबोधित किया। एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो आगंतुकों को बीच लोकप्रिय रहा। ये कार्यक्रम था इंडिया इमर्जिंग ऐज़ ए ग्लोबल वेलनेस एंड आयुर्वेद हब। इस कार्यक्रम को जीवा आयुर्वेद के एमडी डॉ. प्रताप चौहान,और डाबर इंडिया के हेड डॉ. जेएलएन शास्त्री, द्वारा संबोधित किया गया। इस कार्यक्रम का एमडी ब्लिस आयुर्वेद और राष्ट्रीय सचिव, विश्व आयुर्वेद परिषद डॉ. नितिन अग्रवाल, समेत कई अन्य प्रख्यात वक्ताओं ने भी संबोधन किया। समापन समारोह का विशेष आकर्षण दोपहर में हुआ समापन समारोह रहा। सत्र की शुरुआत छात्रों द्वारा योगाभ्यास से हुई। इसके बाद अध्यक्ष, आईएमईएल और हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के महानिदेशक डॉ राकेश कुमार द्वारा स्वागत भाषण दिया गया, जिन्होंने इस आयोजन की सफलता और आयुष समाधानों के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना करने पर प्रकाश डाला। इस सत्र के विशेष अतिथियों भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री शिवप्रकाश, उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री डॉ.धर्मसिंह सैनी और भारत सरकार में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और भारतीय प्रशासननिक सेवा के अधिकारी श्री शांतामनु ने भी संबोधित किया। कई अन्य सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के लीडर्स ने इस विषय पर बात की। प्रमुख वक्ताओं में सचिव,आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और् वैद्य श्री राजेश कोटेचा, वैद्य मीता कोटेचा, वैद्य तनुजा नेसरी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान थे। कार्यक्रम में विश्व आयुर्वेद परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति ने भी पूरे मनोयोग से भाग लिया। इस कार्यक्रम का समर्थन और सहयोग डाबर, झंडू, बैद्यनाथ, आयुष जड़ी-बूटियों और कई अन्य जैसे सभी प्रमुख ब्रांडों ने भी किया था। आयुर्योग, एक्सपो, आरोग्य मेले और हिमालयन हर्बल्स एक्सपो 2022 यानी अगले संस्करण की इससे भी बेहतर शुरुआत की उम्मीद जगाकर इस एक्सपो का शानदार समापन हुआ।
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