बागपत। जनपद भर में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयों की कलाईयों पर रक्षासूत्र बांधे और भाईयों ने भी उनकी रक्षा करने का वचन दिया। रक्षाबंधन के इस त्यौहार में हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि हर धर्म के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
प्रमुख समाजसेविका और एमजीएस अल अमन स्कूल पांची की प्रिंसिपल गुलिस्ता मुमताज ने भी इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया और भाईयों की कलाई पर राखी बांधी। उन्होने कहा कि रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को आपस में एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जोड़ता है। यह पर्व लोगों को इंसानियत के ऐसे रिश्तों में बांधता है जो ऊॅच-नीच, धर्म-जाति और देश की सीमाओं से परे होते है। रक्षाबंधन भाई-बहनों का मुख्य त्यौहार होता है। यह भाईयों को याद दिलाता है कि उन्हे अपनी बहनो की रक्षा करनी चाहिये। यह भाई को बहन के प्रति उसके कर्तव्य की याद दिलाता है।
यह एक ऐसा पवित्र त्यौहार है, जिसको कभी भी किसी जाति अथवा धर्म विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाता है। देश में विभिन्न सम्प्रदाय के लोगों द्वारा रक्षाबंधन मनाने के भले ही विभिन्न आधार हो, लेकिन सबका उद्देश्य एक ही है। राखी का यह त्यौहार सभी को एक रक्षासूत्र में बांधते हुए एक-दूसरे की रक्षा करने को प्रेरित करता है। बताया कि इस पवित्र त्यौहार से अनेकों कहानियां जुड़ी हुई है। कहा कि धार्मिक साहित्य के अनुसार इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने असूरों पर विजय प्राप्त करने के लिये गुरू बृहस्पति के मंत्रों से अभिमंत्रित रक्षासूत्र इंद्र की दाहिने भुजा पर बांधकर असुरो से रक्षा और विजय की कामना की थी। जैन धर्म के अनुसार इस दिन 700 जैन मुनियों की रक्षा हुई थी, उसी मान्यता के आधार पर जैन समाज के लोग रक्षाबंधन का पर्व मनाते है। विभिन्न संगठनों के लोग इस दिन आपस में एक दूसरे को रक्षासूत्र बांधते है और रक्षा करने का वचन देते है।
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